Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेशोत्सव को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं, वहीं इस वर्ष भी मरम्मत के अभाव में रायगढ़ ज़िले के जर्जर स्कूल भवनों में ही बच्चे पढ़ने को मजबूर होंगे. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 2 हजार सरकारी स्कूल जर्जर अवस्था में हैं. कुछ में मामूली सुधार कार्य हुआ है लेकिन लगभग 520 स्कूलों में मरम्मत का काम शुरू तक नहीं हुआ है.
101 स्कूल में बैठना मतलब जान से खिलवाड़
प्रदेशभर में सबसे ज्यादा जर्जर स्कूल रायगढ़ में
2000 से ज्यादा स्कूल थे जर्जर
500 करोड़ रूपए हुए थे स्वीकृत
520 स्कूल में मरम्मत कार्य अब भी शुरू नहीं हुआ है.
पिछली सरकार ने स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए जतन योजना के तहत रायगढ़ जिले को सर्वाधिक 500 करोड़ का मद दिया. फिर भी मरम्मत का काम अब तक शुरू नहीं हो सका. हालत यह है कि एक तरफ 26 जुन को शाला प्रवेश उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ मरम्मत के नाम पर स्कूल भवन तोड़ कर अब निर्माण एजेंसी और ठेकेदार दोनों गायब हैं. जतन योजना के तहत सरकारी स्कूलों में जरूरी निर्माण कार्य,रंग-रोगन करवाने के साथ वहां पढ़ाई लायक माहौल बनाया जाना था ,लेकिन जिले में काम या तो इनकंप्लीट है या शुरू भी नहीं हो सका है. ऐसे में अब पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर भी रहे हैं, बच्चे भी कह रहे हैं बैठने में डर लगता है और एक साथ सभी कक्षा के बच्चों को बैठ कर पढाने मे पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी फिलहाल इन स्कूलों की मरम्मत प्रधान नहीं दे रहे हैं.