Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को NSG कमांडो (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) मशीन गन, डाॅग स्कवाड की टीम के साथ दिखे. इसे देख कर लोग हैरान होने लगे और लगा कि रायपुर में कोई आतंकी पकड़ा गया है. लेकिन ये NSG कमांडों की मॅाकड्रिल थी, जिसमें NSG कमांडो आतंकी हमले से रायपुर को बचाने के लिए अभ्यास कर रहे थे. NSG कमांडो ने रायपुर के अलग-अलग सरकारी कार्यालय में पर सर्च अभियान चलाया. यह अभ्यास 21 से 23 फरवरी तक चलने वाला है.
NSG क्यों कर रही राजधानी में मॉकड्रिल?
दरअसल NSG के तीन दिवसीय ड्रिल का मुख्य उद्देश्य रायपुर में आतंकी हमला होने और होस्टेज सिचुएशन से निपटने के लिए राज्य पुलिस और NSG की तैयारी का अभ्यास करना है. इस अभ्यास में मुंबई एवं दिल्ली के 150 से अधिक NSG ब्लैक कैट कमांडो हिस्सा ले रहे हैं. राज्य की ओर से रायपुर पुलिस के 200 से अधिक अधिकारी, जवान और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की दो टीमें हिस्सा ले रही हैं. पहले दिन रायुपर के न्यू सर्किट हाउस और मंत्रालय में मॉकड्रिल किया गया.
सरकारी बिल्डिंग में किया जा रहा है माॅकड्रिल
बता दें कि NSG कमांडो उन सरकारी कार्यलायों में माॅकड्रिल कर रहे हैं. जहां राज्य के मंत्रियों और प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों का आना-जाना होता है. NSG की टीम ने पूरी बिल्डिंग में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए चेकिंग कर रहें है. अलग-अलग सिचुएशन के टास्क को पूरा करने के लिए टीम ने मॉकड्रिल कर रही है. 22 और 23 फरवरी को भी रायपुर के अलग-अलग इलाकों में NSG कमांडो का अभ्यास करने वाली है.
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क्या है NSG कमांडो?
गौरतलब है कि नेशनल सिक्योरिटी गार्ड कमांडो भारत सरकार का एक स्पेशल फोर्स यूनिट है. इसकी स्थापना 1984 में आतंकवाद विरोधी अभियानों से निपटने और हाई रिस्क वाले VIP और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षा देने के प्राथमिका के लिए किया गया है. NSG कमांडो बनने के लिए फिजिकल फिटनेस टेस्ट, हथियार से निपटने और निशानेबाजी टेस्ट के साथ – साथ मनोवैज्ञानिक मुल्यांकन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.