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Chhattisgarh: मानसून सत्र के दूसरे दिन विधायक धरमलाल कौशिक ने उठाया जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा, डिप्टी CM अरुण साव ने दिया जवाब

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विधायक धरमलाल कौशिक

Chhattisgrh News: छत्तीसगढ़ में विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है, जिसकी कार्रवाई शुरू हो गई है. वहीं बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया है.

धरमलाल कौशिक ने उठाया जल जीवन मिशन का मुद्दा

बीजेपी विधायक धरम लाल कौशिक ने विधानसभा में जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया. इसे लेकर  डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि अनियमितता और गड़बड़ी पर कार्रवाई कर रहे हैं. विभाग अपने कामों को दुरुस्त करने के लिए लगातार काम कर रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2021 से जून, 2024 तक 883 संस्था के इम्पैनलमेंट है. 79 कंपनियों, संस्थाओं का इम्पैनलमेंट, इम्पैनलमेंट को निरस्त किया गया है. इन कंपनियों को रू. 1972.98 लाख राशि का कार्य मिशन अंतर्गत दिया गया था। 809.827 लाख राशि का भुगतान किया गया. 79.47 लाख वाशि का भुगतान किया जाना शेष है। मिशन अंतर्गत इलेक्ट्रक्लोनीरेटर सिस्टम के संबंध में प्राप्त शिकायत, शिकायतों की जांच, शिकायतों पर की गई कार्यवाही की गई है.

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पानी की कमी की लगातार हो रही समीक्षा – अरुण साव

धरमलाल कौशिक ने कहा कि मेरे क्षेत्र में 10 % जगह में सप्लाई शुरू हुआ है, 90% में काम शुरू नहीं हुआ है.कार्रवाई क्या होगी स्पष्ट करें? इसके जवाब में डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि पानी नहीं आ रहा है, इसका कारण क्या है इसकी लगातार समीक्षा कर रहे हैं.

विधायक कवासी लखमा ने बस्तर में हुए काम पर किया सवाल

विधायक कवासी लखमा ने पूछा- बस्तर संभाग में पुल-सड़क का कितना काम हुआ है? बस्तर के विकास के लिए विष्णु सरकार प्रतिबद्ध है. उप मुख्यमंत्री अरुण साव जिला सुकमा से मलकान गिरी मार्ग से ज़मीन की अन उपलब्धता के कारण निर्माण नहीं हुआ. 5 काम अनियमितता के कारण बंद कर दिया गया. सिर्फ सुकमा के 5 काम बंद करने का कारण क्या है. ठेकेदार के कार्य में लापरवाही के कारण निरस्त किया गया.

विधायक अनुज शर्मा ने मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर पूछा सवाल

विधायक अनुज शर्मा ने पूछा सिलतरा उद्योगों में आंखो में जलन स्वांस की बीमारी सहित कई परेशानियां है मजदूरों के स्वास्थ्य के परीक्षण के लिए क्या व्यवस्था है. इसका बेहद निराशा जनक जवाब आया है. समय समय पर मजदूरों के जांच के सम्बन्ध में क्या पॉलिसी है. इस अवधि में जांच क्यों नहीं करवाई गई. क्या मिलीभगत करने वाले अधिकारों पर कार्रवाई करेंगे क्या? 108 इंड्रस्टी की सूची मेरे हाथ में है. जो सदन से ही मुझे प्राप्त हुआ है. फिर मंत्री के जवाब और अधिकारी के द्वारा दिए जवाब की संख्या में अंतर क्यों है.

वहीं मंत्री लखनलाल ने जवाब देते हुए बताया कि कारखाना संचालित किए जाने वालों के द्वारा साल में एक बार स्वास्थ्य शिविर लगाने का प्रावधान है. हमने श्रम न्यायालय में वाद दायर किया है. केवल 6 उद्योगों ने नहीं लगाया है. 32 कारखाने स्थापित है 25 खतरनाक श्रेणी के हैं.

 

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