Chhattisgarh Paddy Purchase: छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है. क्योंकि राज्य की भौगोलिक स्थिति एक कटोरे की तरह दिखती है. चारो तरफ से पहाड़ों की बाउंड्री है. इसके अंदर किसान सबसे ज्यादा धान खेती करते है. इस लिए राज्य को धान का कटोरा के नाम से पहचान मिली है. इस पहचान के साथ छत्तीसगढ़ ने देश में धान उत्पादन में अपना लोहा मनवाया है. इस सीजन 23 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने 111.75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है.
छत्तीसगढ़ में 111.75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी
दरअसल, 77 दिन में छत्तीसगढ़ सरकार ने 111.75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी कर ली है. पिछले साल राज्य सरकार ने 107.53 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की थी. यानी पिछले साल के रिकॉर्ड से सरकार आगे बढ़ गई है. अब भी 14 दिन का समय बचा है. 31 जनवरी तक किसान धान बेच सकते है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल किसानों में गजब का उत्साह है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि 2022- 23 में 15 क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी हुई थी. धान की कीमत भी 2500 रुपए थी. लेकिन इस बार धान की कीमत 3100 रुपए है और प्रति एकड़ में 21 क्विंटल धान खरीदी की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी ने कैसे पकड़ी रफ्तार
दरअसल राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन साल 2023-24 में 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से अबतक 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. इसके लिए किसानों को अबतक 23 हजार 448 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है. वहीं आपको ये भी बता दें कि नवंबर से धान खरीदी हुई है,शुरुआत में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की खरीदी हो रही थे. इसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की व्यवस्था कर दी गई है. जो किसान पहले 20 क्विंटल के हिसाब से धान बेच चुके है उनके लिए भी फिर से बचे हुए धान बेचने की व्यवस्था की गई है. ये धान खरीदी 31 जनवरी तक चलेगी.
किसानों को 23 हजार करोड़ रुपए भुगतान
मार्कफेड के महाप्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 21 लाख 266 किसानों से 111 लाख 75 हजार 247 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. इसके एवज में किसानों को 23 हजार 448 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है. धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग का सिलसिला भी जारी है. अब तक 92 लाख 5 हजार 247 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है और मिलर्स ने अबतक 71 लाख 87 हजार 338 मीट्रिक टन धान का उठाव कर चुकी है.
राज्य गठन के समय केवल 4 लाख टन की हुई थी खरीदी
गौरतलब है कि खरीफ वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर 23 लाख 42 हजार 50 किसानों से 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. धान खरीदी के एवज में किसानों को करीब 22 हजार 067 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था. वहीं राज्य गठन के समय धान खरीदी के आंकड़े की बात करें तो साल 2001 में 37 लाख हेक्टेयर में 23 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था और केवल 4 लाख 63 हजार टन धान ही खरीदा गया था.