Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी बहुत तेजी से विकसित हो रही है. जिसके चलते लोगों को अब शहर से आउटर के कई इलाकों में भी सफर करना पड़ता है. आबादी बढ़ने के साथ ही छत्तीसगढ़ में गाड़ियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 10 साल में रायपुर की आबादी 10 से 15 लाख बढ़ी है. पिछले 10 साल में छत्तीसगढ़ में 13 लाख नए वाहन बढ़ाने के साथ इसकी संख्या 23 लाख पहुंच गई है. जिसे देखते हुए अब लाइट मेट्रो की आवश्यकता भी शहर को दिखाई दे रही है. लेकिन लाइट मेट्रो को आने में भले ही समय लग रहा है लेकिन राजनीतिक समय से चल रही है.
एमओयू को लेकर आमने-सामने महापौर एजाज ढेबर और सरकार
राजधानी रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने में पूरा जोर सरकार का दिखाई दे रहा है. इसी के तहत मेट्रो को लेकर भी समय-समय पर राजधानी में मांग उठती रहती है. क्योंकि आबादी पिछले 10 सालों के तुलना पर यहां कई गुना बढ़ गई है. सरकार भी इस और विचार कर रही है. रायपुर से दुर्ग के लिए भी लाइट मेट्रो की मांग उठ रही है. रमन सिंह के दूसरे कार्यकाल में ही मेट्रो चलाने के लिए सर्वे कराया गया था. इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी ने इस परियोजना का सर्वे किया था. इस प्रस्ताव में रायपुर से राजनांदगांव तक मेट्रो रेल सेवा शुरू करने की योजना थी. हालांकि, मेट्रो रेल के संचालन के लिए आवश्यक आबादी नहीं होने के कारण प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में चले गया. रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने भी कदम बढ़ाया, लेकिन उनका कदम भाजपा अनाधिकृत बता रही है. दरअसल, रायपुर में लाइट मेट्रो बनाने के लिए रायपुर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर और रूस के परिवहन मंत्रालय के बीच 22 अगस्त, 2024 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. लेकिन महापौर के दौरे के बारे में राज्य शासन या फिर केंद्र शासन तक को भी नहीं बताया गया था. जिसके वजह से सरकार इसे अनाधिकृत बता रही है.
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ढेबर ने रायपुर नगर निगम और मास्को के बीच ज्वाइंट एमओयू की कही बात
इसी मामले को लेकर महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि वह 3 साल से मास्को दौरे पर लगातार जा रहे हैं. इस बार उन्हें अधिकृत रूप से बुलाया गया था. लाइट मेट्रो ट्रेन को लेकर रायपुर नगर निगम और मास्को के बीच ज्वाइंट एमओयू हुआ..पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मध्यम रोड, लोकल रेलवे नेटवर्क, सालाना यात्रियों की संख्या का एमओयू में जिक्र. रायपुर के साथ हमने कोई मजाक नहीं किया..
रायपुर में लाइट मेट्रो शुरु होने मे फिलहाल समय है. लेकिन नगरी निकाय चुनाव से पहले लगातार शहर के विकास और आधुनिक करने को लेकर दोनों ही पार्टियों में सियासी घमासान मचा हुआ है. लेकिन देखना यही होगा की राजधानी रायपुर कब जाकर मेट्रो सिटी बन पाती है.