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Chhattisgarh: नगरीय-पंचायत चुनाव से पहले जागा हॉर्स ट्रेडिंग का ‘जिन्न’, अजय चंद्राकर के बयान से चढ़ा सियासी पारा

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हॉर्स ट्रेडिंग पर सियासत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले हॉर्स ट्रेडिंग का ‘जिन्न’ जाग गया है. सुर्खियों में रहने वाले भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने निकाय चुनाव में कांग्रेस पर हॉर्स ट्रेडिंग, लोकतंत्र की चोरी, हत्या का आरोप लगाया है. अजय चंद्राकर के बयान के बाद से चुनावी माहौल गर्म है. MLA चंद्राकर के बयान पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है.

नगरीय निकाय चुनाव के पहले सियासत शुरू

प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष रुप से होने वाले हैं. यानी अब जनता सीधे अपना मेयर चुन सकेगी. प्रत्यक्ष चुनाव पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है. पूर्व मंत्री और BJP विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है, जिस पर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री TS सिंह देव ने पलटवार किया है.

BJP को निकाय चुनावों में हार

छत्तीसगढ़ में दल-बदल की राजनीति पहले भी देखने मिली. चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव. जिन नेताओं को पार्टी के कार्यों से संतुष्टि नहीं मिली उन्होंने दूसरी पार्टियों का दामन थामा. 2019 के नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए. यह इस सोच के साथ किया गया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का चयन जब अप्रत्यक्ष रूप से हो सकता है. तब निचली इकाइयों में चयन प्रक्रिया भी समान रूप से हो सकती है. जब कांग्रेस ने निकाय चुनाव को जीता तब ऐसे कई निर्दलीयों ने कांग्रेस खेमे में पनाह ली. इसकी वजह से BJP को निकायों में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा.

हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर बोले अजय चंद्राकर

अब 2025 में नगरीय निकाय के चुनाव होने हैं इसलिए हाल ही के दिनों में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं. एक ओर जहां राजनीतिक दल आगामी चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. उसी के बीच सियासत भी जमकर हो रही है. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के एक बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. हॉर्स ट्रेडिंग पर बयान देते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव सबसे सही चुनाव है. अप्रत्यक्ष चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग होती है. लोकतंत्र की चोरी कांग्रेस ने की. भूपेश बघेल ने हॉर्स ट्रेडिंग के चलन की शुरुआत की.

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लोकतंत्र का बचाव

‘लोकतंत्र में खतरा,संविधान का बचाव’ यह विषय राष्ट्रीय स्तर पर सियासत का केंद्र बना हुआ है. छत्तीसगढ़ में भी इसे लेकर सियासत देखने मिली है, लेकिन इस बार सियासत का केंद्र निकाय चुनाव बन रहा है. इसलिए चुनाव के पास आते ही हॉर्स ट्रेडिंग, क्रॉस वोटिंग का मामला गरमा रहा है. हालांकि इस बार निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाला है इसलिए किसी दल को इसका डर नहीं है. भाजपा विधायक का बयान कांग्रेस पर सीधा आरोप है.

टीएस सिंहदेव का पलटवार

MLA अजय चंद्राकर के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि नगरीय निकाय का चुनाव डायरेक्ट है तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी डायरेक्ट चुनना चाहिए. यदि हॉर्स ट्रेडिंग का डर यहां है तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चुनने में भी हो सकता है. ‘ऑपरेशन लोटस’ आजकल बहुत चलन में है. यदि कोई ऐसी दूसरी पार्टी में शिफ्ट हो तो एक निश्चित समय तक चुनाव लड़ने उसे नहीं देना चाहिए. इस पर एक कानून बनना चाहिए.

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राजनीतिक दलों को नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान होने का इंतजार है.. चुनावी सरगर्मियों के बीच सियासत का पारा हाई है क्योंकि चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होंगे इसलिए हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग जैसी समस्याएं इस बार नहीं होंगी.

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