Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धान और किसान राजनीति के अहम मुद्दे है. हो भी क्यों ना, क्योंकि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. सरकार बनाने से लेकर बिगड़ने तक में धान और किसान जिक्र होते आया है. एक बार फिर से जब छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने वाली है ऐसे में फिर धान राजनीति का केंद्र बन गया है. कांग्रेस 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर रही है. वहीं भाजपा 15 नवंबर से खरीदी करने जा रही है.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर सियासत, कांग्रेस ने 1 नवंबर से धान खरीदी की रखी मांग
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी करने की तैयारी है. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 16 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान खरीदी का अनुमान है. इस वर्ष सरकार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी में है. पीछले दिनों बैठक मंत्रीमंडलीय उपसमिति ने दीपावली के बाद धान खरीदी का निर्णय लिया है. इधर, अब कांग्रेस ने 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर दी है. साथ ही लक्ष्य को 200 लाख मैट्रिक टन करने को कहा है. कांग्रेस का कहना है इस बार पैदावार अच्छी है.
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धान अभी पैदा नहीं हुआ. कहां से परेशान हो रहे – राजेश मूणत
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसानों के कर्ज माफी और धान खरीदी के वादे से सरकार में आई थी. लेकिन 2023 में वही किसान भाजपा के साथ दिखाई दिए ऐसे में कांग्रेस किसानों के जरिए एक बार फिर से नगरी निकाय चुनाव में जीत का ढूंढ रही है. वही इसको लेकर विधायक राजेश मूणत का कहना है कि धान अभी पैदा नहीं हुआ. कहां से परेशान हो रहे हैं. जितना धान घोटाला कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ क्या उसमें प्रकाश डालेंगे.
राजनिति में एक बात तो यह स्पष्ट है कि किसान जिसके साथ छत्तीसगढ़ में दिखाते हैं. उन्हीं की सरकार बनती है. अब वही किसानों को अपने साथ लेने के लिए कांग्रेस मांग कर रही है. देखना होगा कितना असर इसका धान खरीदी में पड़ता है.