Chhattisgarh News: रराजनांदगांव जिला मुख्यालय से बाघनदी की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है. महाराष्ट्र के बॉर्डर से लगा हुआ थाना बागनदी नक्सली क्षेत्र का संवेदनशील थाना माना जाता है. बरसात के इस मूसलाधार बारिश में बाघ नदी का थाना पूरी तरह से डूब गया और चाहूं और जलमग्न नजर आ रहा है. यह थाना ऐसा नहीं की पहली बार डूबा है इसके पहले दो बार और डूब चुका है इस समय पुरानी बिल्डिंग हुआ करती थी उसे समय भी थाना डूब गया था और पुलिस के लोगों द्वारा रखे आर्म्स और अन्य सामग्री को सर पर लादकर निकलना पड़ा था आज भी नई बिल्डिंग बनने के बावजूद में भी समस्या जस की तस हैं.
बांध बना जोखिम का कारण
बाघ नदी थाने से लगा हुआ डैम है, इस थाने के जल मग्न होने का मुख्य कारण माना जा सकता है पुराना थाना बिल्डिंग होने के बाद भी डूबने के पश्चात जब इस बात की भनक और जानकारी पुलिस के आल्हा अधिकारियों को थी तो आखिर ऐसी क्या कारण रहे कि आखिर लगभग 1करोड़ की लागत की बिल्डिंग को भी पुन उसी स्थान पर निर्माण कर दिया गया तकनीकी रूप से अगर देखा जाए तो यह कहीं से भी उचित नहीं था.
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अतिसंवेदनशील क्षेत्र ,बावजूद समस्या से किया जा रहा है किनारा
खासकर पुलिस थाने का निर्माण किए जाने के पहले इस बात की तस्दीक पुलिस के आला अधिकारियों और पुलिस के तकनीकी विशेषज्ञों को प्रथम दृष्टा ही करनी चाहिए कि आखिर थाना सुरक्षित कैसे रखा जा सके बांध के होने के बावजूद जब थाना का क्षेत्र ही डुबान क्षेत्र के अंतर्गत आता रहा है हो तो उसे स्थल का चयन 1 करोड़ के थाना का भवन बनाने के लिए किया क्यों गया यह सबसे बड़ा जवलंत सवाल है. कहते हैं कि अगर बांध के सभी गेट को खोल दिया जाएगा तो थाने को बचा पाना किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा जब परिस्थितियों ऐसी हो फिर भी अगर 1 करोड़ की राशि का भवन थाना के लिए तैयार किया गया होगा तो उसके तकनीकी विशेषज्ञ और पुलिस के आला अधिकारीयो की सोच आखिर कितनी विकसित रही होगी इसका अंदाजा लबालब भरे थाने में पानी को देखकर लगाया जा सकता है.