Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाले मामले में गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जेल रायपुर में बंद 11 में से एक आरोपी व्यवसायी सुनील अग्रवाल को दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है, और आज सोमवार को रायपुर के न्यायालय में जमानतदार पेश करने के बाद उसकी रिहाई हो सकती है, लेकिन महत्वपूर्ण खबर यह भी है कि इसी केस में छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी ACB और EOW भी अचानक सक्रिय हो गई है और अपने यहां हुई एफआईआर पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
कोयला घोटाला मामले में ACB और EOW की टीम हुई सक्रिय
बीते दो दिन में इस केस के सिलसिले में एजेंसी के मुख्यालय में काफी सक्रियता दिखाई दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले में ACB और EOW में भी धोखाधड़ी का मामला (एफआईआर) दर्ज करवाया है.जिसमे कांग्रेस शासनकाल में रहे दो पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और कवासी लखमा, दो आईएएस समीर बिश्नोई और रानू साहू और कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों समेत इस केस के प्रमुख आरोपियों सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी के नाम भी हैं. ACB की टीम इस मामले में पिछले माह ही सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया समेत आधा दर्जन लोगों से जेल में जाकर पूछताछ कर चुकी है. यह आशंका जताई जा रही है कि जिन आरोपियों को जमानत मिलेगी, उन्हें भी हिरासत में लेकर EOW की टीम फिर पूछताछ कर सकती है.
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कोयला घोटाले में EOW ने डेढ़ माह के भीतर डेढ़ दर्जन लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए अपने आफिस बुलवा लिया था. इसी घोटाले में एक ने दो आईएएस, एक राज्यसेवा अफसर, खनिज अधिकारी तथा कारोबारियों पर छापे मारकर 222 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर रखी है. जिन लोगों को ईडी ने जेल भेजा था, उनमें सुनील अग्रवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है.
इसलिए अहम है यह केस
ईडी ने इस मामले में जिनके खिलाफ एफआईआर की है, उनमें पूर्व विधायकों से भी पूछताछ की जा चुकी है. लेकिन ईओडब्लू में ईडी ने जो एफआईआर करवाई है, उसमें दो पूर्व मंत्रियों लखमा और भगत के नाम भी हैं, लेकिन अभी किसी एजेंसी ने दोनों को बयान आदि के लिए नही बुलाया है.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी देवेंद्र यादव के भी नाम
कोयला घोटाले में ED की ओर से EOW में दर्ज कराए गए एफआईआर में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा और देवेंद्र यादव विधायक है और दोनो लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे है. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ED और EOW, दोनों ही केस में आरोपी हैं. EOW में की गई FIR में आरोपी बनाए गए पूर्व विधायकों में यू डी मिंज, चंद्रदेव राय, बृहस्पत सिंह, शिशुपाल सोरी और गुलाब कमरो भी हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि EOW इस मामले में जल्दी ही सभी आरोपियों को फिर से नोटिस भेज सकती है हैं चूंकि अधिकांश आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत नही मिल पाई है इसलिए जांच टीम जेल में ही जाकर आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है. इस तरह यह स्पष्ट है कि यदि कोई आरोपी किसी तरह सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत हासिल कर भी लेता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जेल से बाहर आने पर ACB और EOW कोई कार्रवाई नही करेगी बल्कि दोनो जांच एजेंसी तो एक तरह से नहा धोकर तैयार बैठी हुई है.