Chhattisgarh News: राजनादगांव जिले के डोंगरगढ़ से महज 8 किलोमीटर दूर ग्राम मुड़पार मे बीते दिनों रोड़ के किनारे भारी मात्रा में लगभग 1 करोड़ की कीमत का रेत, माफियों द्वारा डंब किया गया. वहीं इस पर डोंगरगढ़ एसडीएम व नायब तहसीलदार ने जब्ती की कार्यवाही कि, लेकिन SDM ने बिना टेंडर कराए ही रेत को बेच दिया. जिसे लेकर आज कांग्रेस पार्टी ने प्रशासन के खिलाफ़ मोर्चा खोला और डोंगरगढ़ एसडीएम एवम नायब तहसीलदार पर रेत चोरी का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया और दोषियों पर एफआईआर करने की मांग करते हुए ज्ञान सौंपा.
राजनादगांव में हो रही रेत की चोरी
पूरा मामला राजनादगांव जिले के डोंगरगढ़ का हैं. जहा बीते दिनों ग्राम पंचायत मुड़पार मे रेत माफियों द्वारा रोड किनारे भारी मात्रा में रेत डंब कर रखें थे. डंब की हुई रेत को एसडीएम के संज्ञान में आने के बाद गुरुवार 30 तारीख को एसडीएम वा नायब तहसीलदार अपने स्टाफ के कर्मचारियों के साथ मौके में जा कर जप्ती की कार्यवाही करने लगे इस बीच लोगों के विरोध करने पर एसडीएम ने पुलिस बल की सहायता लेकर मौखिक कार्यवाही किया. जब्त की हुई रेत को मुरमुंदा के कोटवार को उच्च अधिकारी द्वारा एक कापी में इंट्री कर ठेकदारों को सौंपने की बात कही. अगर पूरे मामले में नियम की बात कही जाए तो प्रश्नवाचक चिन्ह छोड़ता है, क्योंकि जब्त की हुई रेत को खनिज विभाग को सौंपा जाता हैं. खनिज विभाग रेत को इकठ्ठा कर विधिवत तरीके से नीलामी करती हैं. नीलामी से प्राप्त रकम को शासकीय खजाने में जमा किया जाता हैं.
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जब्ती की कार्यवाही पर कांग्रेसियों ने उठाए सवाल
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष विजय राज सिंह ने कहा की ये चोरी का मामला हैं और छोटी मोटी चोरी नही हैं पूरा 800 ट्रीप रेत चोरी का मामला है, मुड़पार से जामरी तक 800 ट्रीप रेत निकाली गई है, और प्रशासन को इसका पता भी नही है. जब प्रशासन को पता चला तो जब्ती की कार्यवाही की गई, लेकिन जब्त की हुई रेत कहां हैं, यह प्रशासन बताएगा. उसके बाद एक पत्र के माध्यम से जानकारी मिलती हैं की राजनादगांव निवासी प्रतीक अग्रवाल और बेलगांव निवासी लेखराम साहू को रेत डम्म हटाने की जिम्मेदारी दी गईं, लेकिन रेत को हटा कर क्या करना है उसका उल्लेख पत्र नही हैं, और हमें जानकारी मिली हैं की उक्त रेत को बेच दिया गया है जबकि जब्ती से प्राप्त सम्पत्ति शासकीय मानी जाती हैं. ऐसे में शासकीय सम्पत्ति को बिना कागजी कार्यवाही और खनिज विभाग के जानकारी बगैर बेच दिया जाता है. जो अपने आप में बड़ी चोरी मानी जा सकती हैं. 800टिप्पर रेत करोड़ो की चोरी का मामला हैं, जिसमें कही न कही संदिग्ध भूमिका शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों की हैं. इस करोड़ों की हेराफेरी में दोषियों के विरुद्ध जांच कर एफआईआर करने की मांग को लेकर आज थाना में ज्ञापन सौंपने आए हैं.