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Chhattisgarh: प्रदेश में सरगुजा में हुई सबसे कम बारिश, सूखे खेत से किसानों की बढ़ी चिंता

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Chhattisgarh News: पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे कम बारिश सरगुजा जिले में हुई है वहीं सरगुजा संभाग के अन्य जिलों में भी कम बारिश होने के कारण किसान परेशान है, और धान की खेती पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. किसानों को धान की रोपाई के लिए बोरवेल का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन जिन किसानों के पास बोरवेल की सुविधा नहीं है. वे धान की रोपाई अब तक शुरू नहीं कर सके हैं, और ऐसे किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

सरगुजा जिले में इस साल देरी से मानसून के आने के साथ ही हल्की बारिश शुरू हुई और किसानों ने अपने खेतों में धान की नर्सरी लगना शुरू कर दिया। कई किसानों ने धान की नर्सरी लगाने के लिए भी सिंचाई का सहारा लिया, लेकिन धान की नर्सरी तैयार होने को है तो वही कई किसानों ने बारिश नहीं होने के कारण बोरवेल के सहारे सिंचाई कर धान की रोपाई शुरू कर दी है लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है उनके खेतों में लगा धान का नर्सरी भी अब मरने के कगार पर आ गया है और खेतों में दरार तक दिखाई देने लगा है पैसे में किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं और उनका कहना है कि अगर बारिश सही तरीके से नहीं होती है तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा।

बारिश नहीं होने से सूखे खेत

सरगुजा में कई किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है, और वह बोरवेल से खेतों में पानी डाल रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में अगर बारिश नहीं होती है, तो रोपाई किये गए धान को भी नुकसान होगा और कई किट सहित बीमारियों का प्रकोप शुरू हो सकता है. सरगुजा में अब तक सिर्फ 103.6 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि अब तक 318.8 मिलीमीटर बारिश होना था, ऐसे में यहां 69 प्रतिशत कम बारिश हुई है. वहीं राज्य में सबसे कम बारिश होने वाले जिले में दूसरे नंबर पर बेमेतरा जिला है.

पूरे प्रदेश में सरगुजा में हुई सबसे कम बारिश

मौसम विभाग की वैज्ञानिक एम के भट्ट का कहना है कि इस साल सरगुजा में देरी में मानसून पहुंचा और उसके बाद बारिश भी अब तक कम हुई है, पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे कम बारिश भी सरगुजा में हुई है लेकिन आने वाले दिनों में अनुमान है कि अच्छी बारिश हो सकती है और किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन किसानों का कहना है कि अगर एक सप्ताह के भीतर अच्छी बारिश नहीं हुई तो धान की रोपाई पर इसका बुरा असर पड़ेगा और धान का उत्पादन भी काम हो जाएगा. बता दें कि किसानों ने बैंकों से कर्ज लेकर धान की खेती की है और धान की खेती के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है ऐसे में लंबे समय तक ट्यूबवेल से खेतों में सिंचाई कर धान की रोपाई करना भी किसानों के लिए संभव नहीं दिख रहा है.

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वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने दी जानकारी

सरगुजा सहित उत्तर छत्तीसगढ़ में मानसून, वर्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद सरगुजा के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ठ ने बताया कि मानसून ऋतु की प्रारंभिक एक तिहाई अवधि आज समाप्त हो गई. मानसून ऋतु को 1 जून से 30 सितम्बर की अवधि में परिभाषित किया गया है। आज 10 जुलाई को इसके 40 दिन पूरे हो चुके हैं. अम्बिकापुर के दीर्घावधि वर्षा आंकड़ों में नगर में जून में 221.1 मिमी औसत वर्षा होती है जबकि 1 जुलाई से 10 जुलाई की अवधि में 115 मिमी की औसत वर्षा होनी चाहिए थी परंतु उत्तर छत्तीसगढ़ पर कमजोर मानसून की दस्तक के साथ वर्षा के आगाज के कारण जून में नगर में महज 115.8 मिमी वर्षा दर्ज हो पाई. कमोबेश यह स्थिति पूरे संभाग में देखी गई. सुदूर उत्तरी राज्य सीमा का बलरामपुर जिला छोड़ कर संभाग के अन्य जिलों में वर्षा की मात्रा में उल्लेखनीय न्यूनता दर्ज की गई. सबसे कम वर्षा सरगुजा जिले में ही दर्ज हुई है. जुलाई के प्रथम 10 दिवसीय नगर की वर्षा की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है. अभी तक विभागीय वेधशाला में जुलाई में मात्र 17.8 मिमी और 1 जून से आज तक मात्र 133.6 मिमी वर्षा हुई है, जबकि इस अवधि तक औसत रूप से 320 मिमी के लगभग वर्षा हो जानी चाहिए थी. पिछले वर्ष भी इस अंचल में प्रारम्भिक मानसून बेहद कमजोर थी फिर भी इस अवधि तक नगर में 193 मिमी वर्षा हो चुकी थी. वर्षा के क्षेत्रीय बंटन में उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग का सरगुजा जिला पूरे राज्य में इस समय न्यूनतम वर्षा क्षेत्र बना हुआ है. समग्र सरगुजा जिले में आपेक्षित औसत वर्षा 318.8 मिमी की तुलना में 103.6 मिमी वर्षा ही दर्ज हुई है जो औसत वर्षा से 67% कम है. सूखे जैसी स्थिति के बीच संभाग में धान का बड़ा रकबा अभी भी खाली है, कई इलाके में धान नर्सरी के सूखने जैसी स्थिति किसानों को अकाल की आशंका से डरा है, हालांकि खरीफ फसल के लिए अभी भी समय है, यदि अच्छी बारिश हो जाए तो फसल के रकबे में वृद्धि होगी, और स्थिति संभल सकती है.

बलरामपुर को छोड़कर सरगुजा संभाग के सभी जिलों में कम बारिश

बलरामपुर जिला की स्थिति सामान्य है. यहां 216.1 मिमी वर्षा की तुलना में 230.5मिमी वर्षा हो चुकी है जो सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक है. जशपुर जिले में भी वर्षा की मात्रा में न्यूनता आई है. यहां 378 मिमी की तुलना में 51 प्रतिशत की न्यूनता के साथ 185.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. कोरिया जिले में 269.1 मिमी की तुलना में 171.5 मिमी सामान्य से 36 प्रतिशत कम और सूरजपुर जिले में 278.8 मिमी की तुलना में 45 फीसदी कम 153.9 मिमी वर्षा हुई है.

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