Chhattisgarh News: क्या गरीब होना पाप है? क्या गरीब का बच्चा निजी स्कूलों में जाकर नहीं पढ़ सकता क्या गरीब होने से चेहरे की सुंदरता बिगड़ जाती है क्या सुंदर बच्चे ही स्कूल में जाकर पढ़ सकते हैं. सूरजपुर जिले के मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के शिक्षकों का कुछ ऐसी ही सोच है और इससे बच्चे प्रताड़ित हो रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाले गरीब तबके के बच्चे जिन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत इन निजी स्कूलों में दाखिला दिया गया है उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और आवाज उठाने पर उनके साथ मारपीट भी हो रही है.
गरीब बच्चों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार
सूरजपुर जिले में स्थित है मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल यहां राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब तबके के बच्चों को दाखिला दिया गया है, लेकिन यह सब कुछ यहां के कुछ शिक्षकों को नहीं पच रहा है. उन्हें लगता है कि आखिर गरीब बच्चे हमारे स्कूल में क्यों आ रहे हैं, ऐसा यहां प्रताड़ित होने वाले बच्चों ने बताया है. वहीं इन प्रताड़ित बच्चों की बात जब परिजनों ने सुनी तो वे भी आवाक रह गए बच्चे उन्हें रो-रो कर स्कूल में होने वाले दुर्व्यवहार के बारे में बताने लगे इसके बाद परिजनों ने फैसला किया कि वह इसकी शिकायत कलेक्टर से करेंगे कलेक्टर से शिकायत करने के बाद जब इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लगी तो उन्होंने तत्काल इस मामले में जांच कमेटी गठित कर दी है जांच कमेटी में दो लोगों को रखा गया है और दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है.
मानसिक रूप से परेशान हो रहे बच्चे
सूरजपुर जिले में 290 स्कूल में 3000 से अधिक बच्चे राइट टू एजुकेशन के तहत अलग-अलग स्कूलों में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों को गरीब बच्चों को पढ़ना होता है और इनका शुल्क सरकार के द्वारा स्कूलों को दिया जाता है लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन गरीब तबके के बच्चों को अलग ही नजरों से देख रहे हैं. इसकी वजह से बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर जहां इसका असर पड़ रहा है वही वे मानसिक रूप से भी परेशान हो रहे हैं. सवाल उठता है कि आखिर इन बच्चों का क्या गुनाह है कि वे गरीब हैं और यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर इस तरीके से इन बच्चों को प्रताड़ित करने का छूट इन शिक्षकों को किसने देकर रखा हुआ है. विस्तार न्यूज़ ऐसे शिक्षकों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग करता है ताकि और दूसरे गरीब बच्चों को शिक्षक ऐसी नजरों से न देखें और समाज में गरीबों अमीरी की जो खाई है वह कम से कम स्कूलों में तो न हो.
जांच के बाद मामले में होगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले पर सूरजपुर जिले के शिक्षा विभाग के सहायक संचालक रविंद्र सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद इस मामले की जांच के लिए दो सदस्य जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी वहीं विस्तार न्यूज़ के द्वारा जारी पड़ताल को देखते हुए जांच कमेटी ने भी तत्काल जांच शुरू कर दी है हालांकि जांच रिपोर्ट अभी नहीं आ सका है.