Chhattisgarh News: बीजापुर में चल रहे एक विवाद में अजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर सुरेश चंद्राकर को चुनौती दी है कि अगर उनके पास सबूत हैं कि अजय सिंह ने उनके कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की है या धमकी दी है तो सुरेश उन सबूतों को सार्वजनिक करें या फिर कलेक्टर को सौंप दें. इसके साथ ही अजय सिंह ने सुरेश को एक और चुनौती देते हुए कहा है कि वे माता मरई समाज के अध्यक्ष हैं, वे मेरे साथ चलें और माता मरई की सौगंध लेकर कहें कि जो आरोप वे मुझ पर लगा रहे हैं. वे सही हैं तो जो अपराध मैंने किए ही नहीं हैं उन्हें भी मैं स्वीकार लूंगा. इसके साथ ही अजय सिंह ने सुरेश चंद्राकर के आरोपों को आड़े हाथों लेते हुए एक बड़ी बात कही है कि जब यह विवाद उनके (अजय सिंह) और सुरेश चंद्राकर का है तो सुरेश ने समाज को बीच में क्यों घसीटा है?
बीजेपी नेता और ठेकेदार के बीच विवाद
सुरेश और अजय के बीच पहले कभी भी इस तरह का विवाद नहीं देखा गया था और न ही इस तरह की कोई तनातनी ही दोनों में थी. दोनों एक ही राजनीतिक पार्टी के धुरंधर थे और जब अजय सिंह बीजापुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे तब सुरेश बीजापुर कांग्रेस के महामंत्री थे, लेकिन ताज़े मामले ने स्थानीय राजनीतिक खेमे में हलचल पैदा कर दी है.
दरअसल सुरेश चंद्राकर ने इस विवाद का खुलासा करते हुए पत्रकारों को बताया था कि अजय सिंह ने उनके (सुरेश) द्वारा लगाए जाने वाले क्रेशर प्लांट के काम को रोकने का फरमान सुनाया है और उनके कर्मचारियों के साथ गाली गलौच और जान से मारने की धमकी दी है. इसके साथ ही जब वे समाज के लोगों और पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे उन्होंने यह भी कहा था कि अजय सिंह ने उनके (सुरेश) कर्मचारी से कहा कि सुरेश, अजय सिंह को 15 लाख रुपए दे दें.
सुरेश के इन संगीन आरोपों से आहत अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों के सामने पूरे 15 मिनट तक अपनी बात रखी. उन्होंने शुरुआत में ही कहा कि सुरेश के द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं. सुरेश डरे हुए हैं कि उनके द्वारा लगाए जा रहे क्रेशर प्लांट के लिए सुरेश ने नियमों का पालन नहीं किया है. सुरेश के द्वारा शासन, प्रशासन को गलत जानकारी दी गई है और अजय सिंह ये शिकायत शासन से करने वाले थे. इस बात से बौखलाए सुरेश चंद्राकर ने समाज को आगे कर अजय सिंह की छवि धूमिल करने की कोशिश की है. अपने बयान के दौरान अजय सिंह ने सुरेश पर तंज कसते हुए कहा है कि सुरेश के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों में ही कोई तालमेल नहीं है । सुरेश एक पत्रकार को इंटरव्यू देते हुए कहते हैं कि मैंने (अजय सिंह,) उगाही की बात नहीं की है और दूसरे पत्रकार से कहते हैं कि मैंने सुरेश चंद्राकर से 15 लाख रुपए मांगे हैं ! इसके साथ ही अजय सिंह ने भाषाशैली और संस्कारों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सुरेश की भाषा शैली संस्कारविहीन शैली है जबकि मैं (अजय सिंह) सुरेश “जी” कहकर प्रेस को संबोधित कर रहा हूं.
कौन हैं अजय सिंह?
अजय सिंह वर्तमान में भाजपा कार्यकर्ता हैं. इसके पहले वे कांग्रेस के सदस्य रहे. बीजापुर की राजनीति में अजय सिंह काफी बड़ा नाम है. कांग्रेस पार्टी को बीजापुर सहित लगभग पूरे बस्तर में मजबूती देने वाले नेताओं में गिने जाते हैं. अजय सिंह बीजापुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे, छत्तीसगढ़ की पूर्व सरकार में राज्य युवा आयोग के सदस्य रहे. युवा आयोग के सदस्य रहते हुए उन्होंने अपनी ही पार्टी के स्थानीय विधायक विक्रम शाह मंडावी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, विधायक पर भ्रष्टाचार के दर्जनों आरोपों की बौछार कर दी थी. बाद में पीसीसी ने अजय सिंह पर पार्टी से निलंबन की कार्यवाही कर दी थी. इसके बाद अजय सिंह पर हिस्ट्रीशीटर बदमाश होने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन कलेक्टर ने अजय सिंह पर जिला बदर की कार्यवाही कर दी थी. इसके बाद अजय सिंह ने भाजपा का दामन थामा और बीजापुर की स्थानीय राजनीति में बेहद सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. हाल के मामले में जिले के जाने माने उद्यमी, कांग्रेस पार्टी के सक्रिय नेता और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
इस मामले में सुरेश चंद्राकर ने पत्रकारों से कहा था कि सुरेश के पास अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, अजय सिंह के द्वारा उनके कर्मचारियों के साथ गाली गलौच करने और धमकी देने के वीडियो भी हैं । सुरेश के इस कथन पर अजय सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा है कि अगर सुरेश के पास इस तरह के कोई भी सबूत हैं जो अजय सिंह को अपराधी साबित करते हैं तो सुरेश उन सबूतों को प्रशासन को क्यों नहीं सौंप रहे हैं या सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं. वीडियो के इस मामले पर विस्तार न्यूज़ के हाथ 35 सेकंड का एक वीडियो लगा है. इस विडियो क्लिप से यह साबित तो नहीं हो जाता है कि अजय सिंह सुरेश चंद्राकर के काम को रोकने की बात कर रहे हैं । 35 सेकंड के इस विडियो क्लिप के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं.
अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के शुरुआत में ही कह दिया था कि सुरेश चंद्राकर ने 16 जुलाई की घटना बताते हुए अजय सिंह पर आरोप लगाए थे जबकि 16 जुलाई के दिन बीजापुर में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री केदार कश्यप और सांसद महेश कश्यप का कार्यक्रम था. 16 जुलाई के दिन बीजापुर जिला प्रशासन की तरफ से “स्कूल वेंडे वर्राटू” कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें शामिल होने के लिए मंत्री केदार कश्यप और सांसद महेश कश्यप आए हुए थे. अजय सिंह ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम के दौरान वे बीजापुर में ही थे और “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम समय भी वे प्रशासन के नज़र में ही थे. ऐसे में सुरेश के आरोप तो सिरे से झूठे और बेबुनियाद हैं.
अजय सिंह के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में जब सुरेश चंद्राकर से बात की गई और प्रतिक्रिया मांगी गई तो सुरेश चंद्राकर ने प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है. बहरहाल इस मामले पर स्थानीय दिग्गजों के साथ साथ आम लोगों की पैनी नज़र बनी हुई है और सभी इंतज़ार कर रहे हैं कि यह मामला किस करवट बैठने जा रहा है.