Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव को लेकर बिलासपुर के संसदीय सीट पर एक अलग तरह की कहानी निकलकर के सामने आई है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें, तो यह बात सामने आती है कि जिस प्रत्याशी ने जितना ज्यादा खर्च किया है, जीत उसी की हुई है. हालांकि इस बार नतीजे क्या आएंगे. यह तो नहीं पता लेकिन कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने भारतीय जनता पार्टी के तोखन साहू से ज्यादा खर्च करने की जानकारी स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों को दी है. इनमें अभी एजेंट का खर्च जुड़ना बाकी है.
योगी आदित्यनाथ और राहुल गांधी की सभा में हुआ इतना खर्च
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने खर्च का हिसाब निर्वाचन अधिकारियों को बताया है, बिलासपुर में राहुल गांधी के आने के दौरान उनकी सभा में 8.71 लाख रुपए खर्च हुए. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा के दौरान 8.92 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. यदि प्रत्याशियों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रत्याशी तोखन साहू ने 42 लाख खर्च करने की जानकारी दी है. वहीं कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने 47 लाख रुपए खर्च करना बताया है. दोनों ने ही यह खर्च नामांकन रैली से लेकर वॉल पेंटिंग, ड्राइवर, आना-जाना, प्रचार प्रसार स्टार प्रचारकों के पीछे और तमाम स्थानों पर खर्च किए हैं जहां इसकी जरूरत रही.
पुराने आंकड़े बता रहे ये कहानी
लोकसभा चुनाव के पुराने आंकड़ों को देखें तो बिलासपुर सीट पर एक बात सामने आती है कि जिस प्रत्याशी ने सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया है वह चुनाव भी जीता है. साल 2009 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिलीप सिंह जुड़े होने 19 लाख खर्च किया था जबकि कांग्रेस से रेणु जोगी ने 13 लाख रुपए इस चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव ने जीत हासिल की थी. साल 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लखनलाल साहू ने 47 लख रुपए खर्च किए थे वहीं कांग्रेस की करुणा शुक्ला ने 27 लाख रुपए खर्च करने का ब्यौरा दिया था. इसमें भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लखन की जीत हुई थी.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अरुण साव ने 65 लाख रुपए खर्च किए थे वहीं कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव ने 50 लाख रुपए खर्च किए। इस चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रत्याशी अरुण साव की जीत हुई थी, जो फिलहाल छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम के पद हैं.