Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग के सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले के धान खरीदी केन्द्रो में धान का स्टॉक नहीं के बराबर है, और यहां के धान खरीदी केन्द्रो में 58 हजार क्विंटल से अधिक धान का स्टॉक बताया जा रहा है. इससे साफ हो रहा है कि कागजों में सहकारी समितियों में धान की खरीदी बड़े पैमाने में की गई है. वहीं खरीदी प्रभारी धान के तस्करो के माध्यम से झारखण्ड और यूपी से धान मंगाकर उसकी भरपाई कर रहें हैं. ऐसा अफसरों के द्वारा इस गड़बड़ी को रोकने शुरू से आंख बंद कर देने की वजह से ऐसा हो रहा है. जानकारों की माने तो इस खेल में धान खरीदी केन्द्रो के प्रभारियों के साथ जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत है. जिसके कारण यह गड़बड़ी अब सिस्टम का हिस्सा बन गया है.
बलरामपुर में धान खरीदी में सबसे ज्यादा हुई गड़बड़ी
सरगुजा संभाग में धान खरीदी में सबसे अधिक गड़बड़ी और कागजो में धान खरीदी बलरामपुर जिले में हुई है. यहां बिना धान खरीदे ही किसानों से धान खरीदना बता दिया गया और 31 सौ रुपये क्विंटल में सरकार से धान का रुपये मिलने की वजह से तस्करो ने धान के एवज में खरीदी केंद्र के प्रभारियों को 23-25 सौ रुपये क्विंटल के हिसाब से पैसे दे दिए और इस रुपये से खरीदी प्रभारियों ने अपना हिस्सा लेकर धान उठाव के लिए डीओ जारी होने पर मिलरों को धान के बदले रुपये दे दिया, अब भी यह सिलसिला चल रहा है. वहीं मिलर को इससे कस्टम मिलिंग भी नहीं करना पड़ रहा है और वे झारखण्ड व यूपी से चावल मंगाकर कस्टम मिलिंग का चावल बताकर सरकार को दे रहें हैं.
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अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई
इसकी जानकारी विभाग के तमाम अफसरों के साथ सरकार में बैठे लोगों को भी है, लेकिन इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है. बता दें कि सरकार ने इस साल 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदी की और हकीकत में जिन किसानों का धान इतना नहीं हुआ था. उन्होंने भी कर्मचारियो से साठगांठ कर कागजो में धान बेचा. यही वजह है कि मिलर भी कागजो में धान का उठाव दिखाकर खरीदी केन्द्रो में धान का स्टॉक कम कर रहें हैं, लेकिन फंसने के डर से धीमी गति से धान का उठाव कर रहें हैं साथ ही उन्हें इसी हिसाब से डीओ भी जारी किया जा रहा है.
बता दें कि आज की तारीख में बलरामपुर जिले में सबसे अधिक 34900 क्विंटल धान खरीदी केन्द्रो में होना बताया जा रहा है, तो सूरजपुर जिले में 23000 व सरगुजा जिले में 645 क्विंटल धान का स्टॉक है. वहीं अफसरों की माने तो सरगुजा के अमलभिट्ठी खरीदी केंद्र में धान का स्टॉक कम मिला है. बलरामपुर जिले के मार्कफ़ेड अधिकारी अभिमन्यु ननवरे का कहना है कि एक सप्ताह में उठाव पूरा कर लिया जायेगा तो वहीं अफसर धान का उठाव समय पर नहीं होने के लिए विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में लगे आचार संहिता को बता रहें हैं, जिसकी वजह से सरकार स्तर पर निर्णय लेने में समय लगा.