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Chhattisgarh: तीन नए आपराधिक कानून आज से लागू, कबीरधाम में प्रदेश की पहली FIR दर्ज

कबीरधाम में देश की पहली FIR दर्ज

Chhattisgarh News: नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के लागू होने के कुछ देर बाद ही छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला कबीरधाम में पीड़ित के साथ मारपीट की घटना की सूचना मिलने पर नए कानून की मूल भावना (पीड़ित को त्वरित न्याय) के तहत कबीरधाम पुलिस ने उक्त घटना में पीड़ित को तत्काल राहत देने के लिए त्वरित कार्यवाही करते हुए BNS की धारा 296,351(2) के तहत पहला FIR दर्ज किया है.

थाना रेंगखार जिला कबीरधाम में नए कानून BNS के तहत राज्य का पहला मामला है. पीड़ित इतवारी पंचेश्वर पिता सहदेव निवासी मोहनटोला थाना रेंगाखार जिला कबीरधाम के द्वारा पुलिस को लिखित सूचना मिली कि आरोपी गोलू ठाकरे सकिन रेंगाखार ने ट्रैक्टर के कागजात नही दे रहा है, कहते हुए पीड़ित के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज किया. इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थाना रेंगाखार में द्वारा लिखित आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर रात्रि 12.30 बजे आरोपी के खिलाफ BNS की धारा के तहत FIR दर्ज किया गया.

 

भारत के नए कानून, विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता (BNS), का उद्देश्य देश की न्यायिक प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है. 160 साल पुराने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर ये 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लाए गए हैं. इनका मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता लाना है, जिससे हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके.

कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक ने कहा, “नए कानूनों का उद्देश्य हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय सुलभ कराना है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधानों के तहत, हमने यह सुनिश्चित किया है कि न्यायिक प्रक्रियाएँ अधिक प्रभावी और पारदर्शी हों. आज की घटना में, पीड़ित के आवेदन पर तुरंत कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा तत्काल FIR दर्ज करना हमारे नए कानूनों की प्रभावशीलता का स्पष्ट प्रमाण है. यह दर्शाता है कि हम अपने नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं. इस त्वरित कार्रवाई से न केवल पीड़ित को समय पर न्याय मिलेगा, बल्कि समाज में यह संदेश भी जाएगा कि कानून और न्याय प्रणाली उनकी सुरक्षा और अधिकारों के लिए हमेशा तत्पर है. हमारी टीम की तत्परता और समर्पण इस बात का प्रतीक है कि हम न्याय की दिशा में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

 

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