Chhattisgarh News: राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले में खतरनाक माने जाने वाले स्वाईन फ्लू से दो लोगों की मौत हो गई. इस संक्रमित बीमारी के शिकार हुए मृतकों का दाह संस्कार प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा चुनिंदा परिजनों, रिश्तेदारों और मेडिकल टीम की निगरानी में मृतकों की अंत्येष्टि की जाएगी.
खैरागढ़ में स्वाईन फ्लू से दो की मौत
जानकारी के मुताबिक डोंगरगढ़ ब्लॉक के बरनालाकला के रहने वाले चाहत मंडावी सर्दी-खांसी से पीडि़त होने के बीच सेहत में लगातार गिरावट आने के बाद राजनांदगांव के एक निजी अस्पताल संजीवनी में भर्ती हुए. इस दौरान उनकी सेहत लगातार बिगड़ती चली गई. जांच में स्वाईन फ्लू के वायरस एच-1, एन-1 से ग्रसित होने की पुष्टि हुई. एहतियातन अस्पताल प्रबंधन ने सीएमएचओ कार्यालय को सूचित कर दिया. इस बीच खैरागढ़ जिले के छुईखदान के सिलपट्टी के रहने वाले दिलीप रजक भी इसी बीमारी की चपेटे में गंभीर हालत में संजीवनी अस्पताल में भर्ती हुए. वह भी काफी कमजोर स्थिति में अस्पताल पहुंचे. दोनों की एक-दो दिन के अंतराल में मौत हो गई. दिलीप रजक छुईखदान के गायत्री मंदिर में अस्थाई तौर पर रहते हुए कपड़ा प्रेस करने का पुश्तैनी काम करता था. अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई. गंभीर स्थिति होने के कारण वह वायरस से लड़ नहीं सके. जिससे उसकी मौत हो गई.
ये भी पढ़ें- युक्तियुक्त करण नियम से छत्तीसगढ़ के 5000 स्कूल हो जाएंगे बंद, शिक्षक कर रहे विरोध
एक गर्भवती भी संक्रमण की चपेट में आई
छुईखदान बीएमओ डॉ. मनीष बघेल ने बताया कि प्रोटोकॉल के तहत दिलीप की अंत्येष्टि की गई है. इस बीच राजनांदगांव सीएमएचओ डॉ. नेतराम नवरतन ने कहा कि इलाज के दौरान डोंगरगढ़ के चाहत मंडावी की स्वाईन फ्लू से लड़ते जान चली गई, उन्होंने आम लोगों से मौसम के उलटफेर के कारण सावधानी बरतते हुए भीड़भाड़ इलाकों से दूरी बनाए रखने की अपील की. उधर एक गर्भवती महिला भी इस संक्रमित बीमारी की चपेटे में आ गई है. उसका दुर्ग के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. स्वाईन फ्लू की वजह से हुई दोनों की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट हो गया है. गौरतलब है कि 2015 में एक लहर के चपेटे में आने से स्वाईन फ्लू से लगभग राजनांदगांव जिले में 7 लोगों की जान ले ली थी.