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Raipur में एक साथ 4 शवों का अंतिम संस्कार, घरों में पसरा मातम, कल सड़क हादसे में हुई थी मौत

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4 शव

Raipur: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के पास हुए भीषण रोड एक्सीडेंट में एक साथ 4 दोस्तों की मौत हो गई. वहीं एक युवक गंभीर रूप से अभी भी घायल है. मृतक चारों युवक रायपुर के चंगोराभांटा के रहने वाले थे. आसपास में ही चारों का घर भी था. रायपुर शव पहुंचने के बाद आज ही चारों लड़कों का रायपुर में अंतिम संस्कार किया गया. पूरे इलाके में शोक की लहर है. मृतक लड़कों के घर में मातम पसरा हुआ है. इस हादसे में जान कमाने वाले सभी लड़कों की उम्र 25 से 30 के बीच थी .मृतकों की मां रो रही है बिलख रही है, दादी और पत्नी का रो रो कर हाल बुरा हो गया है.

NH-130 पर कार और ट्रक की टक्कर में हुई थी 4 की मौत

दरअसल अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे-130 पर तेज रफ्तार ट्रक और कार की टक्कर हो गई. हादसा इतना भीषण था कि कार चकनाचूर हो गई. कार का एयरबैग खुलने के बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी. बाद में कार की बॉडी को गैस कटर से काटकर युवकों के शव बाहर निकाले गए.

जानकारी के अनुसार रायपुर चंगोराभाटा के रहने वाले पांच दोस्त 30 नवंबर की शाम रायपुर से जगदलपुर घूमने निकले, लेकिन रास्ते में मैनपाट जाने का प्लान बन गया. अंबिकापुर पहुंचने से 60 किमी पहले उदयपुर थाना क्षेत्र के गुमगा में रविवार की सुबह करीब 5 बजे घना कोहरा छाया हुआ था, जिसके कारण कार चालक सामने से आ रहे ट्रक को देख नहीं पाया और हादसा हो गया. हादसे में जान गंवाने वालों का नाम दुष्यंत देवांगन, संजू साहू, स्वप्निल हेमाने, और राहुल साहू है. वहीं हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ डीकेश साहू क्रिटिकल स्थिति में है.

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चारों दोस्तों की एक साथ निकली अंतिम यात्रा

इस हादसे में मृत चारों दोस्तों का आज एक साथ रायपुर के चंगोराभांटा में अंतिम यात्रा निकाली गई. एक साथ चंगोराभांटा से अंतिम संस्कार के लिए चार शव उठी. अंतिम यात्रा में इलाके के लोग बड़ी संख्या में चारों दोस्तों को विदाई देने पहुंचे. चंगोराभांटा में एक साथ चार युवकों की मौत हो जाने से पूरा इलाका गमगीन है. घर का घर शोक की लहर में डूबा हुआ है. अंतिम यात्रा में पहुंचे सभी लोगों की आंखें नम थी. परिजन रोते बिलखते अपनों को विदाई दे रहे थे.

मौत से घरों में पसरा मातम

हादसे में जान गंवाने वाला राहुल साहू का परिवार सदमे में है. घर में मातम पसरा हुआ है. राहुल की उम्र 27 साल थी. राहुल साहू अपने घर का इकलौता बेटा था. राहुल कंप्यूटर पार्ट्स दुकान में काम करता था. राहुल अपने पीछे अपनी पत्नी सहित अपने माता-पिता को छोड़ गया. राहुल की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. राहुल की मां ने बताया कि राहुल घर का इकलौता लड़का था. राहुल ही मां बाप का सहारा था. राहुल की मां को मालूम नहीं था कि उसका बेटा कभी वापस लौट कर नहीं आएगा. राहुल की मां बिलख बिलख कर रो रही है. राहुल की पत्नी भी घर में बेसुध होकर पड़ी हुई है.

वहीं इस हादसे में दुष्यंत देवांगन की भी मौत हो गई. दुष्यंत की उम्र महज़ 22 साल थी. दुष्यंत ऑटोमोबाइल दुकान में प्राइवेट जॉब करता था. दुष्यंत घर का बड़ा लड़का होने की वजह से मां-बाप की ताकत था. दुष्यंत के पिता किराना दुकान चलाते है. दुष्यंत के घर पर उसकी दादी और मां बिलख बिलख कर रो रही है. दुष्यंत की दादी रोते हुए कह रही है अब मैं अपना पोता किसे कहूंगी. दुष्यंत की मां ने बताया कि अक्सर दुष्यंत अपने दोस्तों के साथ घूमने जाया करता था. इस बार दुष्यंत की मां ने बढ़ी ठंड की वजह से दुष्यंत को घूमने जाने से मना भी किया था, लेकिन दुष्यंत ने मां की बात नहीं मानी और सड़क हादसे में अपनी जान गंवा दी.

ऐसा ही हाल मृतक संजू साहू और स्वप्निल हेमाने के घर पर भी है. दोनों ही परिवार की हालात ठीक नहीं है. मृतक संजू साहू भिलाई में जिम चलाता था. संजू साहू मिस्टर छत्तीसगढ़ भी रह चुका है. संजू साहू को बचपन से ही बॉडीबिल्डिंग का शौक था. हाल ही में संजू साहू ने स्कोडा कार खरीदा था, संजू के ही कार में सभी पांच दोस्त रायपुर से सवार होकर अंबिकापुर के मैनपाट जा रहे थे. संजू साहू भी घर का इकलौता बेटा था जिसकी उम्र महज़ 28 साल थी. संजू के जिम में सभी दोस्त ट्रेनिंग के लिए जाते थे. संजू की शादी भी होने वाली थी.

इस हादसे ने बड़ी सबक दी है. ठंडी के दिनों में कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना बढ़ जाती है. यदि युवक कोहरे में कार नहीं चला रहे होते तो शायद इनकी जान बच जाती है. परिवार वालों के मना करने के बावजूद युवक घूमने गए और उनकी जान चली गई.

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