Durg Lok Sabha Seat: देश में कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में देश के सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले से लोकसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. अमित शाह ने भरे मंच से कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ में एक या दो सीटें भी कम नहीं होना चाहिए, छत्तीसगढ़ की 11 में 11 सीटों पर बीजेपी की जीत होनी चाहिए. ऐसे में हम आज छत्तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीट दुर्ग लोकसभा सीट की बात करेंगे. दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस और बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बना सकती है.
2014 में मोदी लहर में बीजेपी को मिली थी हार
दुर्ग लोकसभा सीट के अंतर्गत आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई नगर, वैशाली नगर, पाटन, अहिवारा, साजा और बेमेतरा विधानसभा है. साल 2014 में जब मोदी की लहर चल रही थी, उस वक्त छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को दुर्ग लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उस समय इस सीट से भाजपा ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सरोज पांडे को चुनावी मैदान में उतारा था. वहीं कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर ताम्रध्वज साहू को चुनावी मैदान में उतारा था. उस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को एकमात्र सीट पर जीत मिली थी जिसमें दुर्ग लोकसभा सीट थी जहां से ताम्रध्वज साहू सांसद बने थे.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: मोस्ट वांटेड हिड़मा के गांव में कैंप खुला तो बौखलाए नक्सली! दो ग्रामीणों की कर दी हत्या
सांसद रहते हुए ताम्रध्वज साहू ने लड़ा था विधानसभा चुनाव, लोकसभा में मिली बीजेपी को जीत
साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सरोज पांडे की जगह विजय बघेल को अपना उम्मीदवार बनाया था, वहीं कांग्रेस ने ताम्रध्वज साहू की जगह प्रतिमा चंद्राकर को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार विजय बघेल ने भारी मतों से जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि 2018 विधानसभा चुनाव के समय दुर्ग लोकसभा से सांसद रहते हुए ताम्रध्वज साहू ने दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह जीते भी थे. उसके बाद उन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का गृह मंत्री बनाया. उनकी जगह प्रतिमा चंद्राकर को कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतारा था.
भूपेश बघेल के खिलाफ विजय बघेल लड़े थे चुनाव
साल 2023 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दुर्ग सांसद विजय बघेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार के तौर पर पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा था, जहां कांग्रेस की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उम्मीदवार थे. उन्होंने सांसद विजय बघेल को हराकर पाटन विधानसभा से जीत दर्ज की. वर्तमान में दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल सांसद हैं. वहीं अब राज्यसभा सांसद रही सरोज पांडे को इस बार बीजेपी ने राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया है. अब सरोज पांडे संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं. ऐसे में बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट से किसे अपना उम्मीदवार बनाती है यह देखना दिलचस्प होगा. कांग्रेस भी इस बार क्या फिर से ताम्रध्वज साहू को दुर्ग लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाएगी या फिर नए चेहरे को मौका देगी.
जानिए किन संभावित नामों पर पार्टियां लगा सकती हैं मुहर
इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट में इस बार कांग्रेस और बीजेपी की ओर से चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल और सरोज पांडे को भाजपा उम्मीदवार नहीं बनाती है. बीजेपी संभावित नाम के तौर पर पांच बार के सांसद रहे ताराचंद साहू के बेटे दीपक ताराचंद साहू को दुर्ग लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. वहीं कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और सक्रिय कांग्रेसी नेता राजेंद्र साहू को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. हालांकि अभी उम्मीदवारों का नाम की घोषणा दोनों ही पार्टियों ने नहीं किया है.
बीजेपी किसे बना सकती उम्मीदवार
दुर्ग लोकसभा सीट से देखने वाली बात यह होगी कि क्या सांसद विजय बघेल पर पार्टी फिर से भरोसा जताएगी या फिर उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देकर संतुष्ट करने की कोशिश करेगी. वहीं राज्य सभा सांसद रही सरोज पांडे अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर हैं. इस बार बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार भी नहीं बनाया है. जिससे अटकलें हैं कि सरोज पांडे को दुर्ग लोकसभा सीट या किसी और सीट से भाजपा उन्हें चुनावी मैदान में उतार सकती है. दूसरी ओर दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस से सांसद रहे ताम्रध्वज साहू को अगर पार्टी टिकट नहीं देती है तो उनको भी पार्टी किसी और लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है.