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CG DMF Scam: ED ने निलंबित IAS रानु साहू समेत 10 आरोपियों की 23.79 करोड़ की चल-अचल संपत्ति की कुर्क

CG DMF Scam:

रानु साहू और माया वारियर

CG DMF Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित DMF घोटाले में ED ने जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहू, प्रशासनिक अधिकारी माया वॉरियर समेत 10 आरोपियों की 23.79 करोड़ की चल-अचल संपत्ति की कुर्क किया है.

निलंबित IAS रानु साहू समेत 10 की संपत्ति कुर्क

ED का दावा है कि घोटाले से कमाए पैसों से इस संपत्ति में निवेश किए जाने के प्रमाण मिले हैं. इसी वजह से ED ने संपत्ति को कुर्क किया है. इसमें निलंबित आईएएस रानू, आदिम जाति कल्याण विभाग की अधिकारी माया वारियर, ठेकेदार राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह, वीरेंद्र राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज द्विवेदी, रिषभ सोनी और राकेश शुक्ला की संपत्तियां शामिल है.

बता दें कि इनकी जमीन, मकान, एफडी समेत 23.79 करोड़ की चल-अचल संपत्तियां हैं. इन अधिकारियों, कर्मचारी, ठेकेदार और उनके सहयोगियों के ठिकानों की तलाशी के दौरान 2.32 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी, ज्वेलरी पहले जब्त किया गया है. इस मामले में अब तक 90.35 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

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17 दिसंबर तक बढ़ी रानु साहू की रिमांड

DMF घोटाला मामले में निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर की आज ED की विशेष कोर्ट में पेशी हुई. जिसके बाद दोनों की रिमांड को 17 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया.

जानिए क्या है DMF घोटाला?

राज्य सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में ये तथ्य सामने आए हैं कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.

वहीं जांच में पता चला कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया है. ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.

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