Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के तहत 95 हजार से अधिक मजदूर रजिसर्टड हैं. और उसमें से 63 हजार मजदूर सक्रिय रूप से मजदूरी करते हैं. लेकिन इन मजदूरों को पिछले तीन महीने से मजदूरी इसलिए नहीं मिल रहा है क्योंकि सरकार के पास मनरेगा मद में पैसे नहीं हैं और जिलों को राशि का आबंटन नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से मजदूरों का करीब 300 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान अटका हुआ है. फिलहाल कई जिलों में मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया है.
विस्तार न्यूज़ के पड़ताल में सामने आया सच
विस्तार न्यूज़ पड़ताल में सामने आया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में रोजगार गारंटी योजना के तहत बरसात खत्म होने के बाद डबरी, सड़क, पुलिया और अन्य निर्माण कार्य शुरू किया गया. इसके बाद जब मजदूरी का भुगतान नहीं होने लगा तो मजदूरों ने काम बंद कर दिया है. अकेले सरगुजा जिले की बात करें तो यहां मजदूरों का 13.24 करोड़ रुपए का भुगतान पिछले कई महीने से अटका हुआ है. इसी तरह सभी जिलों के मजदूरों का भी औसत 10-12 करोड़ के करीब का मजदूरी भुगतान नहीं हो सका है.
बलरामपुर जिले के धंधापुर के मजदूरों ने बताया कि उनके गांव में 20 लाख की लागत से सड़क व पुलिया का काम शुरू हुआ, उन्होंने सड़क बनाकर आधा कर दिया. लेकिन अब तक उन्हें एक दिन की भी मजदूरी नहीं मिली है, इसके वजह से उन्होंने काम करना बंद कर दिया है. मजदूर मानसिंह, सुनील बारगाह ने बताया कि उन्होंने रोजगार गारंटी में इसलिए काम किया था कि नया साल और छेरछेरा त्यौहार तक मजदूरी मिल जाएगा और बच्चों के लिए कपड़ा आदि खरीदेंगे लेकिन अब मजदूरी नहीं मिला तो काम बंद कर दिए हैं.
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पैसे के अभाव में नहीं हो रहा है मजदूरों को भुगतान
जिले के अफसरों का कहना हैं कि उन्होंने राशि आबंटन के लिए उन्होंने विभाग को कई बार लिखा है, अब उम्मीद है कि जल्द ही आबंटन मिल सकेगा उसके बाद मजदूरों का भुगतान किया जा सकेगा. सरगुजा जिले में मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी रवि गुप्ता ने बताया कि पैसे के अभाव में मजदूरों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. हमारे जिले का 13 करोड़ से अधिक का मजदूरी बकाया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने नए बजट में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के लिए इस साल 86 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, जबकि पिछले साल का यह बजट 73 हजार करोड़ का था. लेकिन इसके बाद भी सरकार को इसमें 90 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़ा था. इस बजट के आने के बाद अफसरों को उम्मीद है कि, मजदूरों का बकाया मजदूरी मिल सकेगा.