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युवाओं में बढ़ता अध्यात्म, रायपुर के गार्डन में Hanuman Chalisa के साथ कर रहे हैं व्यायाम

Hanuman Chalisa: लोग फिट रहने के लिए सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज करते हैं. इस दौरान लोग मोटिवेशनल गाने सुनना पसंद करते हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे गार्डन के बारे बताएंगे जिसकी सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है. यहां लोग मोटिवेशन के लिए हनुमान चालीसा सुनते हैं. आइए, जानते हैं कि आखिर क्यों गार्डन में हनुमान चालीसा सुनते और बजरंग बली की पूजा करते हुए लोग एक्सरसाइज करते हैं.

दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का ये गार्डन जिले के ह्रदय स्थल घड़ी चौक पर मौजूद है. इस गार्डन का नाम ऑक्सीजोन है, जहां लोग बड़ी संख्या में सुबह एक्सरसाइज करने के लिए आते हैं. लेकिन लोग एक्सरसाइज करते-करते हनुमान चालीसा सुनते हैं. 19 एकड़ में फैले गार्डन के अंदर में ही बजरंग बली का मंदिर बना हुआ है. यहां लोग हर मंगलवार और शनिवार को सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं.

कब की गई है हनुमान मंदिर की स्थापना?

दो साल पहले गार्डन के अंदर बजरंग बली की मूर्ति स्थापित की गई. तब से सप्ताह में दो दिन हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. हनुमान मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि दो सालों से लगातार हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है. हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद लोगों को सेहतमंद रहने के लिए केला और मौसंबी दिया जाता है. यहां हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं.

लोगों का क्या कहना हैं?

पंडरी की रहने वाली प्रेक्षा सिंह ने बताया कि परिवर्तन तो संसार का नियम है और ऐसे परिवर्तन समाज के लिए अच्छा संकेत हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन को बहुत शांति मिलती है और मैं सात महीनों से गार्डन लगातार आती हूंं

सीजीपीएससी की तैयारी कर रहे युवा चंद्रशेखर साहू कहते हैं कि ऑक्सीजोन गार्डन आकर बहुत सुकून मिलता है क्योंकि सेहतमंद रहने के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करके शक्ति मिलती है. डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, रोज गार्डन आता हूं. पहले तो बहुत कम लोग गार्डन आया करते थे. लेकिन शनिवार और मंगलवार को बड़ी भीड़ रहती है.

गार्डन की और क्या है खासियत 

17 करोड़ की लागत से बने गार्डन की बहुत सारी खास बातें हैं. इसमें 75 प्रजातियों के 4 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए गए हैं. यहां आम, जामुन, सीताफल,अमरूद जैसे फलदार पेड़ और तितलियों को आकर्षित करने के लिए जारूल, अमलतास, कचनार, मौलश्री,आकाशनीम जैसे पौधे भी हैं. यहां 503 पुराने पेड़ों को संरक्षित भी किया गया है. शहर के बीचो-बीच मौजूद इस गार्डन में सुबह और शाम बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान सैर और मनोरंजन के लिए आते हैं.

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