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Chhattisgarh: गौ सेवक साधराम यादव की हत्या के विरोध में कबीरधाम बंद, मृतक की पत्नी ने कहा- गर्दन के बदले गर्दन चाहिए

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कबीरधाम बंद

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में कुछ दिनों पहले गौ सेवक साधराम यादव की हत्या का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस मामले में पुलिस पहले ही 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और उनमें से मुख्य आरोपियों के घर प्रशासन ने बुलडोजर भी चलाया है. इसके अलावा प्रशासन ने मृतक साधराम के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा भी देने की कोशिश भी की, लेकिन परिजनों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया. अब इस मामले में तमाम हिंदू संगठनों के लोगों ने कवर्धा बंद करवाया है. जिसका समर्थन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी किया है.

हिंदू संगठनों ने आज कबीरधाम बंद किया

दरअसल साधराम यादव हत्याकांड को लेकर कवर्धा जिले में हिंदू संगठनों ने जिले में बंद का आह्वान सुबह से दोपहर 1 बजे तक किया गया था. इस बंद के आह्वान में सर्व हिंदू समाज, यादव समाज, सनातन धर्म रक्षा मंच, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के लोग शामिल हुए. इसके बाद दोपहर दो बजे कवर्धा शहर के सिग्नल चौक के पास श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

हिन्दू संगठन के लोगों की मांग है कि साधराम यादव के हत्यारों की सही पहचान, हत्त्या की जांच हो, हत्यारों के परिवार की जांच किया जाए, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपए मुआवजा, घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए. इसके अलावा हिन्दू संगठन के लोगों ने 2021 में हुए कवर्धा में झंडा विवाद, 2023 में बेमेतरा जिले के साजा थाना क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर हत्याकांड समेत अन्य मामलों की जांच किए जाने की मांग की है.

जानिए क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि 20 जनवरी की रात गौसेवक साधराम की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने हत्या के शक में एक नाबालिग सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं इस हत्या की वारदात में शामिल मुख्य आरोपी के घर प्रशासन ने बुलडोजर भी चलाया था और हत्या की घटना सुनते ही प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने ग्राम लालपुर पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की व शासन की ओर से परिजनों को आर्थिक मदद कर 5 लाख रुपये की राशि दी थी.

 पत्नी ने कहा- गर्दन के बदले गर्दन चहिए

लेकिन दो दिन बाद मृतक साधराम के परिजनों ने कलेक्टर दफ्तर पहुंचकर शासन द्वारा आर्थिक मदद के तौर पर दिए गए 5 लाख रुपये के चेक को वापस कर दिया. मृतक की पत्नी ने प्रशासन को चेक वापस करते समय प्रशासन के अधिकारी से कहा था कि हमें यह चेक नहीं चाहिए गर्दन के बदले गर्दन चहिए. इसके अलावा यह मांग की गई है कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

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