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Chhattisgarh: आजादी के 76 साल बाद भी घर, शौचालय और बिजली नसीब नहीं, कैसे गुजारा कर रहे भिलाई के इस इलाके के लोग?

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भिलाई

Chhattisgarh: मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है पीएम आवास योजना. इस योजना के तहत भारत के उन सभी गरीबों को पक्का मकान देने का लक्ष्य रखा गया है जो गरीबी रेखा में आते हैं और इस योजना के पात्र हैं. इस योजना का लाभ देश में कई लोगों को मिल रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी. सरकार बनते ही विष्णुदेव सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए 18 लाख लोगों को पीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान आवंटन करने की घोषणा की. लेकिन इसके बावजूद लोगों को अभी तक घर नसीब नहीं हो पा रहा है. भिलाई के एक इलाके में घर के साथ-साथ बिजली और पानी की भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

लोगों को अब तक नहीं मिला पक्का मकान

आजादी के 76 वर्ष बाद भी आज एक वर्ग के लोगों को पक्का मकान नहीं मिल पाया है. दरअसल छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक प्रकृति नगर नाम का इलाका है. इस इलाके में तकरीबन 25 परिवार के लोग रहते हैं. जिनकी संख्या तकरीबन 200 है. इनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हैं, लेकिन अब तक इन्हें पीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान नहीं मिला है. यहां के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाया, प्रधानमंत्री आवास के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन भी दिए, लेकिन आज तक उन्हें पक्का मकान नहीं मिल सका है.

शौचालय और बिजली भी उपलब्ध नहीं

भिलाई के प्रकृति नगर इलाके के लोगों ने बताया कि वे यहां तकरीबन 60 से 70 सालों से निवास कर रहे हैं. वे लोग मूर्ति बनाने का काम करते हैं, इसके साथ ही रोजी-मजदूरी भी करते हैं. आज तक उनके घरों तक बिजली नहीं पहुंची पाई है और ना ही पीने का पानी पहुंचा है. ले-देकर एक पाइप लाइन बिछाया गया है, जिसमें एक टाइम पानी आता है और उसी में पूरे इलाके के लोग पीने का पानी भरते हैं. लोगों का यह भी कहना है कि इलाके में शौचालय भी नहीं बनाए गए हैं, इसलिए घर की बहू-बेटियों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. जब भी वह शौच के लिए बाहर जाते हैं. बदमाश किस्म के लोग उनसे बदतमीजी करते हैं.

पीएम आवास के लिए इलाके के लोग कई बार कर चुके आवेदन

इलाके के लोगों ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं. उनके घरों में आज तक ना दरवाजे हैं ना ही पक्का छत. तिरपाल के सहारे वह छोटे-छोटे बच्चों के साथ अपना जीवन यापन कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि उनके पास राशन कार्ड भी है और आधार कार्ड भी. वे चुनाव के वक्त वोट भी करते हैं, कई दफा उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रशासन को आवेदन भी दिया, लेकिन आज तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान नहीं मिला है.

निगम की दलील इलाका पीएम आवास के क्राइटेरिया में नहीं

बता दें कि इस पूरे मामले में भिलाई नगर निगम के पीआरो शरद दुबे का कहना है कि प्रकृति नगर के जिस इलाके में लोग रह रहे हैं वह प्रधानमंत्री आवास के क्राइटेरिया में ही नहीं आता है. वह व्यवसायिक क्षेत्र है वहां पीएम आवास योजना के तहत घर नहीं दिया जा सकता है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जो लोग कई सालों से वहां रह रहे हैं उन लोगों को पट्टा क्यों नहीं दिया गया है. और क्या इन गरीबों को कभी भी प्रधानमंत्री आवास योजना तहत पक्का मकान नहीं मिल पाएगा.

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