Chhattisgarh News: भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है. पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है. छत्तीसगढ़ से भाजपा ने प्रदेश के एक बड़े चेहरे को रायपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है. राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री और रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि बृजमोहन अग्रवाल का नाम पहले से ही चर्चाओं में था कि भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाएगी.
बृजमोहन को क्यों मिली टिकट?
बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश के सबसे कद्दावर नेता हैं. वे लगातार आठ बार विधायक रहे हैं. अग्रवाल चुनाव मैनेजमेंट के माहिर माने जाते हैं, चाहे बात विधानसभा चुनाव की हो या लोकसभा चुनाव की. वे हमेशा से प्रदेश में संगठन को मजबूती दिलाते आए हैं. चुनाव के दौरान हमेशा बृजमोहन अग्रवाल को बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है. भाजपा के संकट मोचक माने जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल पर अब भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर भरोसा जताया है. कहा जाता है कि बृजमोहन अग्रवाल की पकड़ सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के नेताओं के साथ भी इनके अच्छे संबंध है. बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्य प्रदेश से ही राजनीति में सक्रिय हैं. वह मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
बृजमोहन जनता के बीच काफी सक्रिय रहते हैं.
छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहने वाले बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ में भाजपा के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं. पिछले साल हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उन्होंने सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड दर्ज किया था. सरकार बनने पर बृजमोहन अग्रवाल को विष्णुदेव साय कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. उनके पास शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन,और धर्मस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं. अग्रवाल जनता के बीच काफी सक्रिय रहते हैं, यही वजह है कि प्रदेश की राजनीति में उनकी काफी लोकप्रियता है.
प्रधानमंत्री चाहते थे बृजमोहन लड़ें चुनाव: भाजपा सूत्र
भाजपा सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में जब लोकसभा उम्मीदवारों की चर्चा हो रही थी तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम चाहते हैं कि बृजमोहन दिल्ली आएं. हालांकि उनकी सहमति भी इसे लेकर होनी चाहिए. इसके बाद से ही अटकलें थी की बृजमोहन अग्रवाल को भाजपा रायपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाएगी. ऐसे में बृजमोहन अग्रवाल के नाम की घोषणा होने पर यह साफ हो गया कि भाजपा के लिए बृजमोहन अग्रवाल काफी भरोसेमंद हैं.
बृजमोहन अग्रवाल को एक कुशल रणनीतिकार माना जाता है. आज के दौर में जहां प्रत्याशी एंटी इनकंबेंसी के शिकार हो जाते हैं, वहीं बृजमोहन अग्रवाल लगातार आठ चुनाव जीतकर खुद को कई बार राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी के तौर पर साबित कर चुके हैं. जनता के साथ उनका सतत संपर्क और सीधा जुड़ा उन्हें ताकतवर बनाता है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के चुनाव संचालक रह चुके हैं बृजमोहन
बृजमोहन अग्रवाल वर्ष 1990 से विधायक बनते आ रहे हैं. महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस जब रायपुर से लोकसभा सीट से लगातार सांसद चुने जाते थे, उस वक्त बृजमोहन अग्रवाल ही उनके चुनाव संचालक का काम करते थे. 2019 में रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल के पसंद के ही उम्मीदवार सुनील सोनी को मैदान में उतारा गया था. अब खुद बृजमोहन अग्रवाल रायपुर से चुनाव लड़ेंगे ऐसे में उनके लिए राह आसान हो गया है.
रायपुर से सुनील सोनी का टिकट क्यों कटा?
बता दें कि वर्ष 2019 में मोदी लहर में सुनील सोनी ने रायपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. सुनील सोनी रायपुर के महापौर भी रह चुके हैं. जनता के बीच सक्रियता इनकी कम देखी जा रही थी. सक्रियता को लेकर हमेशा से इन पर सवाल उठते रहे हैं. यही वजह है कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सुनील सोनी का टिकट काटकर बृजमोहन अग्रवाल को इस बार उम्मीदवार बनाया है.