Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में संचालित 40 मदरसे बंद होने की कगार तक जा पहुंचे हैं. इसका बड़ा कारण पिछले चार-पांच सालों से शासन से अनुदान नहीं मिलना है. इसके चलते एक तरफ हजारों मुस्लिम बच्चों की उर्दू और बाकी चीजों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. दूसरी तरफ इसके संचालन की लगातार मांग उठ रही है. क्षेत्र में इसे संचालित करने वाली समितियां और मन्नत सेवा संस्थान ने अपनी-अपनी समस्याएं शासन के सामने रख रही है. लेकिन फिलहाल उनकी सुनवाई नहीं हुई है.
छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड ने यह भेजी जानकारी
छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड को मदरसा संचालित करने वाली संस्थाएं लगातार अनुदान की बात लिख रही हैं. संस्थाएं अपनी स्थितियों को बताकर पैसों की मांग कर रही हैं. छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड ने संस्थाओं को जवाब दिया है कि शासन से अनुदान नहीं मिलने और साल 2016-17 से 2021 तक पैसों के अभाव में वे मदरसों को अनुदान नहीं भेज रहे हैं. इधर इसके कारण ही आने वाले दिनों में मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में जाना तय हो गया है.
मुख्यमंत्री से आठ बिंदुओं में शिकायत
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर, कोरबा,अंबिकापुर समेत कई जगहों से मदरसे संचालित नहीं होने की जानकारी मिली है. बिलासपुर जिले के मस्तूरी से मन्नत सेवा संस्थान ने भी अपने क्षेत्र के लिए पत्र लिखा है. छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड के सचिव ने जवाब में मस्तूरी के मन्नत सेवा संस्थान को एक जानकारी भेजी है. इसमें उन्होंने पांच मदरसों के बंद होने की बात कही है. यह सारे मदरसे मस्तूरी क्षेत्र के हैं जिसमें इटवा, पाली, मस्तूरी, बसहा, कोरबा, कोरिया, अंबिकापुर क्षेत्र शामिल है. छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड ने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि यहां मदरसों के बंद होने के बावजूद अनुदान की मांग हो रही है, जो गलत है.
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जिला शिक्षा अधिकारियों ने लिया है जायजा
दरअसल जिन क्षेत्रों के मदरसे बंद हो चुके हैं उसके लिए मान्यता की मांग हुई है. लेकिन जब जिला शिक्षा अधिकारियों ने बंद पड़े इन मदरसों का जायजा लिया है, तब उन्होंने पाया है कि यहां पढ़ाई-लिखाई जैसी कोई गतिविधि संचालित नहीं हो रही है. यही वजह है कि उनकी नई मान्यताओं पर भी विचार नहीं किया जा रहा है.
बिलासपुर में मस्जिद में संचालित हो रहा मदरसा
बता दें कि बिलासपुर में मसान गंज में सुन्नी मस्जिद के भीतर एक मदरसा संचालित हो रहा है. इनमें कितने बच्चे पढ़ रहे हैं और उनकी टाइमिंग क्या है, इस बात को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है. मस्जिद के भीतर जाकर एक व्यक्ति से बात करने पर उन्होंने बताया कि यहां दोपहर के 3:00 बजे मदरसा लगता है. कितने बच्चे आते हैं और क्या पढ़ाई होती है, इसकी जानकारी उन्होंने इमाम साहब के आने के दौरान देने की बात कही.