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Chhattisgarh: किरंदुल में NMDC का संप टूटा, 200 घर तबाह, देखें कैसे हैं वहां के हालात

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NMDC पड़ताल

Chhattisgarh News: 21 जुलाई की शाम दंतेवाड़ा के किरंदुल में आई बाढ़ ने सैकड़ों घर तबाह कर दिए. इसके एक सप्ताह बाद ही 27 जुलाई को किरंदुल ने एक बार फिर तबाही देखी. कई बेघर हो गए कई लोगों की जिंदगी भर की कमाई बाढ़ के साथ बह गई. लेकिन ये सिर्फ कोई प्राकृतिक आपदा नहीं थी. बैलाडीला की लौह अयस्क की खदानों से करोड़ों अरबों कमाने वाली NMDC की लापरवाही भी इस तबाही के पीछे बड़ी वजह है. विस्तार न्यूज़ राजधानी से करीब 400 किलोमीटर दूर बैलाडीला की इन खदानों तक गया. ताकि आपको बता पाए कि कैसे ये तबाही आई और अब लोग आगे के लिए  क्या मदद की गुहार लगा रहे हैं और इन सबके पीछे क्या वजह रही और आगे की राह क्या है.

21 और 27 जुलाई को आई थी तबाही

बैलाडीला की पहाड़ियों के ढलान पर किरंदुल शहर बसा है. 21 जुलाई की दोपहर एकाएक NMDC की खदानों से सैलाब नीचे उतरने लगा. पानी में लौह अयस्क के टुकड़े मिले हुए थे. पानी लोगों के घरों में घुसने लगा लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही आफत उनके घर में घुस गई थी. चीख पुकार मच गई महिलाओं बच्चों बूढ़ों को रेस्क्यू कर घरों से बाहर निकाला जाने लगा. पता चलता है कि किरंदुल शहर में NMDC की खदानों पर क़रीब 1 किलोमीटर की उचाई में मौजूद विशाल सम्प टैंक टूट जाता है. जिसमें बारिश का  करोड़ों लीटर पानी मलबे के साथ इकट्ठा था टूट गया है. और टूटने के बाद का मंजर डरावना था. लौह अयस्क मिला पानी अपने साथ बड़े-बड़े बोल्डर भी लेकर आया था. तबाही का मंजर बेहद डरावना था करीब 200 लोगों का घर-बार उजड़ गया.
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पूरी रिपोर्ट देखने के लिए देखें ये वीडियो-

कई लोगों की जिंदगी भर की कमाई बाढ़ के साथ बह गई, लेकिन ये सिर्फ कोई प्राकृतिक आपदा नहीं थी. बैलाडीला की लौह अयस्क की खदानों से करोड़ों अरबों कमाने वाली NMDC की लापरवाही भी इस तबाही के पीछे बड़ी वजह है. विस्तार न्यूज़ आपको तबाही की वो तस्वीरें दिखाने राजधानी से करीब 400 किलोमीटर दूर बैलाडीला की इन खदानों तक गया, ताकि आपको दिखा पाए कि कैसे ये तबाही आई और अब इस इलाके में कैसे लोग अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं…देखिए इस रिपोर्ट को—-

 

विस्तार न्यूज़ जिस डैमनुमा सम्प से करोड़ों लीटर पानी आया था वहाँ पहुँचता है-

विस्तार न्यूज़ जिस डैमनुमा  सम्प से करोड़ों लीटर पानी आया था वहाँ पहुँचता है यहां ऑक्सीज़न कम थी सांस लेना मुश्किल था…चारो ओर से बादलों ने इस जगह को घेर रखा था.खदान ढहने का ख़तरा था.लेकिन सवाल लोगों का था ऐसा क्यों हुआ और फिर न हो इसका था.यानी सवाल आपका था.इसलिए इन चुनौतियों को पार करते हुए विस्तार न्यूज़ यहां पहुंच गया. यहां हमें  पता चलता है कि इस विशाल सैंम्प में  शहर की तरफ क्यारी बनाकर पानी को रोका गया था ताकी आयरन ओर बाहर न जा सके यही नहीं यहां हमने ये भी देखा कि पानी की निकासी के लिए पर्याप्त इंतजामात भी नहीं थे जिसके चलते बहुत अधिक पानी भरने निकलने के लिए पतला पाइप होने से बंड या क्यारी टूट जाती है और किरंदुल शहर में बाढ़ की तबाही आती है.

नीचे का हाल बेहाल था

इसके बाद पहाड़ के नीचे हम पहुचते हैं जहां इस डैमनुमा संरचना का पानी कई घरों को तबाह कर देता है.यहां तबाही के बाद का मंजर बड़ा डरावना था.लोगों की आँखों से आँसू छलक उठते हैं.लोगों के घरों में काला आयरन ओर जमा था कई दिनों से  घरों की सफाई की जा रही थी बावजूद घर साफ नहीं हो पाए थे.वहीं घरों का सारा समान खराब हो चुका था. लोगों की मेहनत की कमाई पानी में भींग चुकी थी उनके  अरमान भी बाढ़ के पानी के साथ धुल चुके थे.

NMDC मुख्य महाप्रबंधक ने कंपनी का किया बचाव

इसके बाद बारी थी जिम्मेदारों से सवाल पूछने की और विस्तार न्यूज सीधा पहुँच जाता है इस खदान के मुख्य प्रबंधक संजीव साही के पास…पहले तो वो कैमरे में कुछ भी कहने से मना कर देते हैं लेकिन काफी मशक़्क़त के बाद वो बोलने के लिए तैयार होते हैं. मुख्य महाप्रबंधन के मुताबिक ये कोई डैम नहीं था ये एक सम्प था जो हर खदान में होता है. वहीं मुख्य महाप्रबंधक कहते हैं कि पीडितों की हर मुमकिन मदद की जा  रही है और उन्हें राज्य शासन के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा. मुख्य महाप्रबंधक सारे आरोपों को खारिज करते हुए इसे ज्यादा बारिश का कहर बताते हैं और कहते हैं की रिकॉर्डतोड़ बारिश और बादल फटने की वजह से ये आफत आई.

NMDC मुख्य महाप्रबंधक के जवाब में सवाल

NMDC के मुख्य महाप्रबंधक के जवाबों के बाद हम उनकी छानबीन करते हैं और लोगों के द्वारा खड़े किए जा रहे सवालों से मिलाते हैं और फिर जो लापरवाही हुई है….उसकी छानबीन करके आपसे बताते हैं…
  • सम्प में पानी इकट्ठा करने से सम्प टूट सकता है ये जानते हुए भी करोड़ों लीटर पानी वहां इकट्ठा होने दिया गया.
  • पूरे पहाड़ का पानी नेचुरल नाले से निकलेगा ये जानते हुए भी नेचुरल नाले के रास्ते में ही बांधनुमा संरचना यानी सम्प बनाया गया.
  • इतने बड़े पहाड़ का पानी वहां इकट्ठा हो रहा था ये जानते हुए भी निकासी के लिए मात्र 30 CM डायामीटर का आउटलेट पानी पाइप.
  • प्रशासन के साथ समन्वय की बात कही गई लेकिन अधिकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि आपके द्वारा वंक्षित समन्वय नहीं किया गया.
  • बादल फटने की बात NMDC प्रबंधन द्वारा कही जा रही है लेकिन- जानकार कहते हैं कि बादल फटने की घटनाएं ऐसी नहीं होती  ये दावा हैरान करने वाला और जांच-पड़ताल का विषय है.
  • पीड़ित परिवार की संख्या NMDC प्रबंधन ने कम बताई- प्रशासनिक डेटा 261 परिवारों का कहता है.

दंतेवाड़ा कलेक्टर ने क्या कहा-

इसके बाद दंतेवाड़ा पहुंचकर हम यहाँ के कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी से तमाम घटनाक्रम के बारे में समझते हैं और तमाम पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मुताबिक घटना को देखते हुए प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है. वहीं बांध फूटने को लेकर उनका कहना था कि ये NMDC के प्रशासन का एरिया है सभी पहलुंओं को जांचने के बाद ही कुछ कहना मुमकिन होगा.

दर्द के बाद आगे की राह

कुल मिलाकर यह समझ में आता है कि NMDC का विशाल सम्प टैंक जो टूटा वो कहीं न कहीं बारिश के साथ NMDC प्रशासन की  लापरवाही का नतीजा भी है.आयरन ओर को दूर मौजूद चेक डैम से ढोकर न लाना पड़े.इसलिए इन्होंने आयरन ओर को यहीं इकट्ठा कर दिया. NMDC जानता था कि ये प्राकृतिक नाला है बावजूद यहीं पर सम्प बनाया गया. पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं बावजूद प्रशासनिक इंतजामात नाकाफी थे. पूरे मामले पर जांच चल रही है अब देखना होगा कि क्या कुछ कारण सामने निकलकर आते हैं. उम्मीद है कारणों की जांच कर भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इस चीज का दुरस्त किया जाएगा और पीडितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.
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