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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में अब न्योता भोजन, क्या ये बच्चों के लिए मिड डे मील का विकल्प होगा?

nyota bhojan

मिड डे मील

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को सरकारी खर्च में दोपहर का भोजन खिलाया जाता है. इसे मध्याह्न भोजन का नाम दिया गया है. लेकिन छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने केंद्र एक स्कीम को छत्तीसगढ़ में लागू किया है. इसके तहत अब स्कूली बच्चों को न्योता भोजन कराया जाएगा. ये न्योता भोजन केंद्र की तिथि भोजन योजना का छत्तीसगढ़ी वर्जन है. इससे कैसे बच्चों के पोषण शक्ति को बढ़ाया जाएगा चलिए समझते है.

स्कूली बच्चों को न्योता भोजन कराने की योजना लागू 

दरअसल न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य को बढ़ाना है और सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है. न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है. यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग और कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं. इसके अलावा पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान भी कर सकेंगे.

भारत में उत्सव पर भोजन दान करने की परंपरा

सबसे जरूरी बात ये है कि न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि ‘न्योता भोजन’ की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है.

यह अलग-अलग त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है. समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों/त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं. न्योता भोजन’ के लिए किसी प्रकार की कैश, चेक स्कूल द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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तीन प्रकार से हो सकता है न्योता भोजन

आपको बता दें कि यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग और कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं. न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते है- पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं के लिए), आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष के लिए), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री.

दान देने वालों को किया जाएगा सम्मानित 

पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है. फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है. वहीं समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके. दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें स्कूल की प्रार्थना सभा और वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाए.

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