Chhattisgarh News: नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है छोटेडोंगर गांव. कुछ वर्षों पहले तक ये इलाका नक्सली खौफ के साए में बसता था. गांव तक पहुंचने के लिए ना पक्की सड़क थी ना आवश्यक सुविधाएं.लेकिन इस छोटे से गांव की एक बड़ी पहचान है, इस गांव में रहने वाला एक शख्स, जिसका नाम है हेमचंद मांझी. इन्हें लोग वैद्यराज के नाम से भी जानते हैं. वैद्यराज हेमचंद मांझी देशी जड़ी बूटियों से बनी दवाओं से ही कैंसर जैसी बीमारी को भी ठीक करने का दावा करते रहे हैं. कैंसर जैसी ही अन्य कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हेमचंद मांझी के पास दूसरे राज्यों से भी लोग आते रहे हैं.अब हेमचंद मांझी को पद्मश्री के लिए नामित किया गया है.
40 वर्षों में हजारों लोगों का इलाज कर चुके हैं
दरअसल हेमचंद मांझी ने सिर्फ 15 साल की उम्र से ही स्थानीय जड़ी बूटियों का महत्व समझ लिया था.जब इलाके में कोई एलोपैथी डॉक्टर नही था तब से हेमचंद मांझी बीमारों का इलाज करते आए हैं.इसके बदले में हेमचंद काफी कम फीस लेते हैं. वैद्यराज हेमचंद पिछले 40 वर्षों से भी अधिक वक्त में हजारों लोगों का इलाज कर चुके हैं. यही वजह है कि इस वर्ष पद्मश्री पाने वाले चुनिंदा लोगों में हेमचंद मांझी का नाम शामिल है.
छत्तीसगढ़ के इन तीन लोगों को मिलेगा पद्मश्री सम्मान
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की एक दिन पहले देश के 110 विभूतियों को पद्मश्री सम्मान दिए जाने का एलान किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ, नारायणपुर के वैद्यराज हेमचंद मांझी और जशपुर के जागेश्वर यादव का नाम शामिल हैं. भारत सरकार द्वारा पंडित राम लाल बरेठ को कला क्षेत्र में, वैद्यराज हेमचंद मांझी को चिकित्सा क्षेत्र में और जागेश्वर यादव को समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में अब तक 29 लोगों को पद्मश्री सम्मान
गौरतलब है कि वर्ष 1976 से लेकर 2023 तक छत्तीसगढ़ में 26 लोगों को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है. पंडित राम लाल बरेठ, जागेश्वर यादव और वैद्यराज हेमचंद मांझी का नाम पद्मश्री के लिए घोषित होने के बाद पद्मश्री सम्मान से पाने वाले वालों की संख्या 29 हो गई है.