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Chhattisgarh: अयोध्या से PM Modi ने शबरी की भूमि शिवरीनारायण के तप की सुनाई कहानी

पीएम मोदी

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Chhattisgarh News: सोमवार को पूरा देश रामभक्ति में डूबा रहा. अयोध्या में पूरे मंत्रोच्चार के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस मौके पर पीएम मोदी ने शिवरीनारायण में जनता को संबोधित किया और अपने संबोधन में माता शबरी का जिक्र करते हुए कहा कि उनको विश्वास था कि उन्हें उनके तप का फल मिलेगा और प्रभु श्रीराम आएंगे. इतना सुनते ही वहां जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे.

अयोध्या से शबरी की भूमि शिवरीनारायण की चर्चा

दरअसल, अयोध्या में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में देशभर से राम भक्त पहुंचे. इस कार्यक्रम को देशभर में दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी. छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण में भी एक बड़ी स्क्रीन लगाई है थी, जहां राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पहुंचे थे. यहां बड़ी संख्या में राम भक्त भी पहुंचे. वहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या से छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण का जिक्र किया तो राम भक्तों की ऊर्जा दुगनी हो गई.

‘शबरी को विश्वास था कि उन्हें उनके तप का फल मिलेगा’

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्बोधन में माता शबरी का भी स्मरण किया. उन्होंने जैसे ही मां शबरी का उल्लेख किया और कहा कि माता शबरी को विश्वास था कि उन्हें उनके तप का फल मिलेगा और प्रभु श्री राम आयेंगे. यह सुनते ही मां शबरी की भूमि शिवरीनारायण में उपस्थित जनमानस ने जय राम और माता शबरी का जयघोष किया और पूरी सभा इस जयकार से गूंज गई.

‘भांचा राम आज 500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में विराजमान हुए’

इसके बाद शिवरीनारायण में मौजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज हम सब प्रत्यक्ष रूप से अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक क्षण का गवाह बने हैं. आज हम सबने प्राण प्रतिष्ठा की सम्पूर्ण प्रक्रिया को देखा और भगवान श्रीराम की अलौकिक बाल प्रतिमा के दर्शन भी किए है. हमारे छत्तीसगढ़ का बड़ा सौभाग्य है, छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है, माता कौशल्या की जन्मभूमि है. अलग-अलग तरह से सभी खुशियां मना रहे है.हमारे छत्तीसगढ़ के लिए यह एक विशेष मौका है. चूंकि हमारे भांचा भगवान राम आज पांच सौ साल के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में विराजमान हुए है. आज तरह-तरह से पूरा छत्तीसगढ़ खुशियां मना रहा है.

ओम माथुर ने कहा त्याग और बलिदान का फल हमें आज मिला

इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने अपने संबोधन में कहा कि, हम सब का सौभाग्य है कि, 500 सालों से त्याग और बलिदान का फल हमें आज मिल ही गया है. हमारा समाज समतापूर्ण समाज रहा है.श्रीराम ने कभी किसी के बीच भेदभाव नहीं किया है.

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क्यों खास है छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण

छत्तीसगढ़ में जांजगीर-चांपा जिले में प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण शिवनाथ, जोंक और महानदी का त्रिवेणी संगम स्थल शिवरीनारायण है. शिवरीनारायण धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है. इस विष्णुकांक्षी तीर्थ का संबंध शबरी और नारायण होने के कारण इसे शबरी नारायण या शिवरीनारायण कहा जाता है. यहां नर-नारायण और माता शबरी का मंदिर है जिसके पास एक ऐसा वट वृक्ष है, जिसके पत्ते दोने के आकार के हैं.

इस स्थान की महत्ता इस बात से पता चलती है कि देश के चार प्रमुख धाम बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथपुरी और रामेश्वरम के बाद इसे पांचवे धाम की संज्ञा दी गई है. यह स्थान भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान है इसलिए छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के रूप में प्रसिद्ध है. यहां प्रभु राम का नारायणी रूप गुप्त रूप से विराजमान है इसलिए यह गुप्त तीर्थधाम या गुप्त प्रयागराज के नाम से भी जाना जाता है.

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