Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में धर्म विशेष के आराध्यों को न मानने की शपथ दिलवाने वाले हेड मास्टर को पहले जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया, फिर वायरल वीडियो के आधार पर रतनपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला भरारी रतनपुर में पदस्थ हेड मास्टर रतनलाल सरोवर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था. इसमें एक धर्म विशेष के आराध्यों को न मामने और एक अन्य धर्म में शामिल होने के लिए छात्रों को प्रेरित किया जा रहा था. इस पर विश्व हिंदू परिषद के रूपेश शुक्ला ने रतनपुर थाने में हेड मास्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कराया था.
हिंदू देवताओं में विश्वास न करने और बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ
दरअसल एक तरफ राम मंदिर बनने और रामलला के विराजमान होने पर पूरा देश खुशी से झूम उठा है. वहीं दूसरी तरफ सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों के भी वीडियो वायरल हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बिलासपुर जिले के मोहतराई गांव से सामने आया है. बिलासपुर पुलिस ने एक सरकारी स्कूल के हेड मास्टर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि हेड मास्टर ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन लोगों को हिंदू देवताओं में विश्वास न करने और बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाई थी. अब बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाने के बाद धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
सनातन अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत
बता दें कि ये मामला 28 जनवरी यानी रविवार का है. एक युवक रूपेश कुमार ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. उसने बताया कि 22 जनवरी को जब पूरा देश रामोत्सव मना रहा था तब मोहतराई गांव में हेड मास्टर रतनलाल सरोवर कुछ बच्चों और युवाओं को चौक में इकट्ठा कर हिन्दुओं के आराध्य श्री राम, श्री कृष्ण और हिन्दू देवी-देवताओं को न मानने और पूजा न करने की शपथ दिलाई. इससे सनातन अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. उसने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में धार्मिक मनमुटाव हो रहा है और विवाद या दंगे होने की गंभीर स्थिति बन रही है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की है.