Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 109 वां संस्करण में छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए कहां कि आज के आधुनिक युग में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक ससक्त माध्यम है. रेडियो कितना बदलाव ला सकता है इसका एक अनूठा मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है. बीते करीब सात वर्षों से आकाशवाणी केंद्र अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से एक लोकप्रिया कार्यक्रम ‘हमर हाथी हमर गोठ’ का प्रसारण हो रहा है. छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग इस कार्यक्रम को ध्यान से सुनते है.
इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों को हाथियों के झुंड के लाइव लोकेशन की जानकारी मिलती है. हाथी प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को पता चलता है कि हाथियों का झुंड किस रास्ते से गुजर रहा है और यह जानकारी लोगों को बहुत काम आती है. रेडियो के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार हाथी प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग सतर्क हो जाते हैं. ऐसे में हाथियों से होने वाले नुकसान की संभावना कम हो रही है और हाथियों के बारे में डाटा जुटाने में मदद मिल रही है, जिससे हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी. छत्तीसगढ़ के इस अनूठी पहल का लाभ देश के दूसरे हाथी प्रभावित राज्यों को भी मिलेगा.
सरगुजा संभाग और इससे लगे जिलें हाथियों का गढ़ है
उत्तर छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा संभाग और इससे लगे जिलें हाथियों का गढ़ है. सैकड़ों की संख्या में हाथियों का विचरण होता रहता है. इससे आए दिन मानव- हाथी के बीच संघर्ष की खबरें आम है. इसमें कभी लोग मारे जाते है तो कभी हाथी मारा जाता है. इसके साथ हाथियों के झुंड से किसानों के फसल को भी भारी नुकसान होता है. इस लिए उत्तर छत्तीसगढ़ में हाथियों के लोकेशन का ट्रेक किया जाता है. अगर किसी गांव में हथियों की मौजूदगी होती है तो रेडियो के जरिए सुचना पहुंचाई जाती है. इससे ग्रामण हाथियों के आने से पहले ही सतर्क रहते हो जाते है. इसी पहल का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया है.