Raipur Nagar Nigam: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की. वहीं राज्य के 14 निगम सरकार में अब भी कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद शहर की सरकार में संकट के बादल छाए हुए हैं. कांग्रेस के कई महापौर घबराहट में हैं कि कहीं कुर्सी न चली जाए. दूसरी तरफ, इसका सबसे बड़ा असर रायपुर नगर निगम में देखने को मिल रहा है. बीजेपी पार्षद दल निगम सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है.
रायपुर निगम में कांग्रेसी मेयर की कुर्सी खतरें में!
रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर पर मंडराने लगा है. पिछले दिनों भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खूब हो हल्ला भी किया था. अब फिर दबी जुबान हल्ला हो रहा है कि फरवरी महीने में होने वाले सामान्य सभा में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. लेकिन सवाल ये भी है कि बहुमत से दूर भाजपा ऐसा कैसे करेगी.
क्या खतरे में है रायपुर निगम सरकार?
आपको बता दें कि रायपुर नगर निगम का चुनाव दिसंबर 2019 में हुआ था. तत्कालीन समय में कांग्रेस सरकार थी, तब सीधी प्रणाली से महापौर चुन लिया गया था. वहीं अब नगर निगम में विरोध के स्वर उठने लगे हैं, जिसमें रायपुर नगर निगम के साथ-साथ बिरगांव नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीजेपी पार्षदों की तैयारी है.
बीजेपी पार्षद दल की मांग- मेयर को इस्तीफा देना चाहिए
अविश्वास प्रस्ताव के पीछे तर्क दिया गया है कि महापौर की कार्यशैली से कई कांग्रेसी पार्षद नाराज चल रहे हैं. इन पार्षदों का समर्थन भाजपा को मिलेगा. लेकिन अभी भाजपा पार्षदों की तरफ से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. भाजपा उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा का कहना है कि कांग्रेस महापौर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
क्या भाजपा गिरा सकती है निगम सरकार?
रायपुर निगम में कांग्रेस के 34, भाजपा के पास 29 और 7 निर्दलीय पार्षद हैं, जिसमे से दो भाजपा खेमे में जा चुके हैं. यानी बीजेपी के 31 पार्षद हैं. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाने में सफलता तो मिल जाएगी. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए बीजेपी को 70 वार्ड के हिसाब से दो तिहाई बहुमत यानी 47 पार्षदों के जरूरत होगी. ऐसे में मामला दिलचस्प हो गया है.
क्या कांग्रेस के मेयर अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे?
गौरतलब है कि 2009 से निगम में कांग्रेस सत्ता में बनी हुई है. डॉ. किरणमयी नायक, प्रमोद दुबे जैसे एजाज ढेबर भी महापौर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे या नहीं… ये बड़ा सवाल बना हुआ है. महापौर एजाज ढेबर का कार्यकाल इसी साल दिसंबर में समाप्त होगा. महापौर ईडी के रडार पर भी हैं. 2000 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले में एजाज ढेबर से कई बार पूछताछ भी की जा चुकी है.