Raipur South By Election: छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट रायपुर दक्षिण विधानसभा में आज मतदान हुआ. जनता ने रायपुर दक्षिण के लिए अपना नया विधायक चुन लिया, हालांकि प्रत्याशियों का भविष्य अब मशीनों में कैद है. वहीं शाम 5 बजे तक 46.43% मतदान हुआ. बीजेपी-कांग्रेस ने चुनावी रण में अपनी पूरी ताकत लगा दी है, और उनके जीत के दावे बरकरार है. वहीं सियासत का सिलसिला अब भी जारी है.
रायपुर दक्षिण में वोट प्रतिशत का ऐसा रहा इतिहास
- 2008 में वोटिंग प्रतिशत गया 62.22%.
- 2013 में 66.92% हुई थी वोटिंग.
- 2018 में वोटिंग प्रतिशत 61.73% रहा.
- 2023 में वोटिंग प्रतिशत पहुंचा 60.2%.
बीजेपी का गढ़ रहा रायपुर दक्षिण सीट
लगभग 40 साल तक रायपुर दक्षिण की सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है..ऐसे में दक्षिण की सीट को बचाना बीजेपी की प्रतिष्ठा का सवाल है. वहीं कांग्रेस ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना किया. दक्षिण का उपचुनाव अब कांग्रेस का खोया हुआ मान सम्मान वापस पाने का चुनाव है. अगर वोटिंग प्रतिशत देखें तो जब जब बीजेपी ने सीट पर फतेह किया है तब तब वोटिंग प्रतिशत सामान्य रहा है. कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल के चुनावी रण में रहने से वोटिंग प्रतिशत देखकर किसी को भी अंदेशा हो जाएगा कि यह सीट बीजेपी ने जीत ली है, लेकिन इस बार चुनावी मैदान में बृजमोहन अग्रवाल नहीं है. बीजेपी और कांग्रेस की ओर से दूसरे प्रत्याशी मैदान में है. ऐसे में वोटिंग प्रतिशत किसकी तरफ झुकता है यह सवाल सस्पेंस से भरा हुआ है. सियासी गलियारों में जीत के दावे अधिक है. अलग अलग मुद्दों के साथ दक्षिण का रण सजा हुआ है. नेताओं की एक दूसरे पर चीख पुकार आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है. साथ ही जीत के दावे भी कर रही है. अपने मत का उपयोग करने पहुंचे विधायक मोतीलाल साहू का कहना है कि दक्षिण का उपचुनाव एक तरफा होने वाला है..वहीं मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि बीजेपी इस बार भी गढ़ बचाएगी और भारी मतों से जीतेगी.
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बीजेपी-कांग्रेस कर रहे अपनी-अपनी जीत के दावे
जीत का दावा हर राजनीतिक दल करती है..बीजेपी ने लाख वोट से जीतने का दावा कर दिया, हालांकि कांग्रेस ने भी चुनावी मैदान में इस बार पूरी रणनीति बनाकर प्रचार प्रसार अभियान में मेहनत की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि दक्षिण में बदलाव की स्थिति दिख रही है. जनता दक्षिण में बदलाव चाहती है. बढ़ता क्राइम, निष्क्रिय vs सक्रिय चहरा को सामने रखा है. दक्षिण के मतदाता प्रत्याशी आकाश शर्मा को आशीर्वाद देंगे और इतिहास बदलकर रिकॉर्ड तोड़ेंगे. जीत हार का अंतर 10 हजार के अंदर रहने वाला है.
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव का मतदान पूरा हो गया. मतदाताओं ने अपने मतों का उपयोग कर लिया है. 23 नवंबर तक प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद रहने वाला है..बृजमोहन अग्रवाल के चुनावी रण में नहीं रहने से यह उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. अब देखना होगा कि जनता अपना नया विधायक किसे चुनती है?