Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य की भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में राजिम कॉरिडोर के निर्माण कराने की मांग किया है. इसके साथ रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए भी केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है. इन मांगों के साथ राज्य के पर्यटन व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी से मुलाक़ात किया है और केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को शामिल करने का आग्रह किया है.
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 63 राज्य संरक्षित स्मारक हैं
दरअसल दिल्ली में संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी से छत्तीसगढ़ की पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और विकास के लिए केंद्रीय बजट से राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया. बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री से मुलाक़ात के बाद बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 63 राज्य संरक्षित स्मारक हैं. संरक्षित स्मारकों, अवशेषों, पुरास्थलों और संग्रहालयों के अनुरक्षण और विकास कार्य के साथ पुरातात्विक गतिविधियों के संचालन के लिए 1965 लाख की राशि का प्रस्ताव तैयार किया गया है. उन्होंने केंद्रीय बजट से स्वीकृत कराने का अनुरोध किया.
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राजिम मंदिर परिसर में 75 करोड़ रुपए में बनेगा कॉरीडोर
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रिय मंत्री से उज्जैन और काशी में बनाये गए भव्य कॉरीडोर की तरह राजिम मंदिर परिसर को विकसित करने, विकास कार्यों व जीर्णोंद्धार की आवश्यकता बताई, उन्होंने केंद्रीय मंत्री से राजिम मंदिर परिसर को भव्य आकर्षक और गरिमामय ढंग से विकसित करने के लिए कॉरीडोर बनाने के लिए 75 करोड़ की राशि स्वीकृत करने की मांग की है. मंत्री अग्रवाल ने बताया कि चार धाम के तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केन्द्रों को शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ के इन पांच शक्तिपीठ का होगा विकास
इसमें छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठ सूरजपुर के कुदरगढ़, चन्द्रपुर के चन्द्रहासिनी मंदिर, रतनपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में चरणबद्ध ढंग से पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएगी. उन्होंने इसे पर्यटन मंत्रालय की योजना में शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया.मंत्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने पुरखौती मुक्तांगन का लोकार्पण किया था. देश-विदेश से आने वाले लोक कलाकारों और अतिथियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए एक कन्वेंशन सेंटर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है. उन्होंने इसके लिए 50 करोड़ की राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया.
प्रसाद योजना में मां बाघेश्वरी मंदिर, कुदरगढ़, सिरपुर को जोड़ा जाएगा
इसके साथ ही उन्होंने प्रसाद योजना में मां बाघेश्वरी मंदिर, कुदरगढ़, सिरपुर के विकास कार्यों की स्वीकृति और स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत चयनित जगदलपुर और बिलासपुर डेस्टिनेशन के लिए पी.डी.एम.सी. (प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंट) चयन कर क्रियान्वयन के लिए राशि स्वीकृति का आग्रह किया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को मां बम्लेश्वरी देवी प्रसाद योजना के उद्घाटन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण भी दिया, जिस पर उन्होंने 15 फरवरी के बाद छत्तीसगढ़ आने की सहमति दी.