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Ram Mandir: अयोध्या की तर्ज पर बस्तर में भी बनेगा रामलला का भव्य मंदिर, जानें क्या होगी खासियत

Ram Mandir:

बस्तर में राम मंदिर का स्ट्रक्चर

Ram Mandir: देश में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर देशवासियों में गजब का उत्साह है. देश के अलग-अलग कोने से लोग पैदल चलकर अयोध्या जा रहे हैं. कुछ लोग निर्जला उपवास रखकर राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे हैं. जिस प्रकार अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी राम मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है.

बस्तर में बनेगा राम मंदिर

दरअसल बस्तर के आदिवासी नेता पूर्व बीजेपी विधायक राजाराम तोड़ेम ने भी अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर से प्रभावित होकर जगदलपुर में अपने 1 एकड़ 38 डिसमिल की जमीन में मंदिर बनाने के लिए डोनेट किया है. कुछ दिनों में इसका निर्माण कार्य शुरू होने वाला है.

राजाराम तोड़ेम का कहना है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में दूसरा अयोध्या मंदिर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. शहर से लगे घाट लोहंगा गांव में करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर अयोध्या की तर्ज पर प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण काम किया जाएगा. मंदिर का स्ट्रक्चर अयोध्या के श्री राम मंदिर की तरह होगा, हालांकि इसका आकार छोटा होगा. इसके लिए उन्होंने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन दान की है.

उनका कहना है कि बस्तर में अयोध्या की तरह छोटे आकार में मंदिर बनने से भगवान राम के प्रति बस्तर के आदिवासियों की प्रभु श्रीराम पर आस्था और गहरी होने के साथ बस्तर में हो रहे धर्मांतरण पर भी रोक लगेगी और बस्तर के आदिवासियों को भगवान राम की आस्था से जोड़े रखना है.

भगवान राम ने अपने वनवास काल में ज्यादा समय बस्तर में बिताया

बता दें कि 2003 से ही राजाराम मंदिर बनवाने के प्रयास में लगे हुए थे. प्रभु श्रीराम का बस्तर से एक खास नाता रहा है. अपने वनवास काल के दौरान भगवान राम ने ज्यादातर समय बस्तर यानी दंडकारण्य कहा जाता था, यहां के जंगलों में बिताया है. अब बस्तर की जीवनदायनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी के किनारे बसे घाट लोहंगा गांव में मंदिर बनेगा. खास बात ये है कि इस मंदिर में भगवान राम के वनवास काल के दौरान बस्तर से जुड़ी कहानियों को चित्रों और मूर्तियों के रूप में उकेरा जाएगा.

जगदलपुर से 10 किलोमीटर की दूरी पर है लोहंगा गांव

रायपुर-जगदलपुर नेशनल हाईवे पर इंद्रावती नदी के किनारे घाट लोहंगा गांव बसा हुआ है. जगदलपुर से इस गांव की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है. आदिवासी नेता और पूर्व बीजेपी विधायक राजाराम तोड़ेम ने साल 2003 में यहां करीब 1 एकड़ 38 डिसमिल जमीन खरीदी थी, उन्होंने उसी समय मन बनाया था कि यहां भगवान श्रीराम का मंदिर बनाया जाएगा. हालांकि, कुछ कारणों के कारण वह मंदिर नहीं बनवा पाए थे.

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कब से बस्तर में राम मंदिर का होगा निर्माण?

आदिवासी नेता राजाराम तोड़ेम ने बताया कि साल 2007 में जमीन के एक हिस्से में हनुमान भगवान का मंदिर बनाया था. उन्होंने बताया कि उस इलाके में हनुमान भगवान का यह पहला मंदिर है. लेकिन उस समय भी भगवान राम का मंदिर बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया था. अब साल 2007 के बाद साल 2023 के शारदीय नवरात्र में राम मंदिर बनाने की नींव रखी गई है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो साल 2024 के चैत्र नवरात्र से काम भी शुरू किया जा सकता है.

राजाराम ने कहा कि सबसे पहले हनुमान भगवान के मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा, फिर अयोध्या में बने भगवान श्रीराम के मंदिर का हूबहू स्ट्रक्चर बनाने की प्लानिंग तैयार की गई है और आर्किटेक्ट से डिजाइन बनवाई जा रही है.

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