Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पिछले चार दशकों से नक्सलियों का आतंक देखने को मिल रहा है. राज्य में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन नक्सली समय -समय पर हमला करते रहे है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से नक्सलियों ने लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. राज्य की बीजेपी सरकार भी नक्सलियों के आतंक से लड़ने और बातचीत का रास्ता निकालने का दावा कर रही है. इसी बीच नक्सलियों के गढ़ में पहली बार राज्य के डिप्टी सीएम विजय शर्मा पहुंचे है. उन्होंने इससे पहले नक्सलियों को लेकर एक बड़ा बयान भी दिया है.
डिप्टी सीएम ने की नक्सलियों के गढ़ में समीक्षा बैठक
दरअसल 30 जनवरी को बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम में नक्सलियों ने जवानों पर बड़ा हमला किया. इसमें तीन जवान शहीद हो गए. लेकिन इसके बावजूद जवानों को नक्सलियों के गढ़ टेकलगुड़ेम में कैंप खोलने में सफलता मिली है. शनिवार को राज्य के डिप्टी सीएम टेकलगुड़ेम पहुंचे है और सभी अधिकारियों के साथ नक्सली हमले की समीक्षा बैठक हो रही है.
“एक- एक व्यक्ति तक विकास पहुंचाना चाहते हैं”
इससे पहले रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए विजय शर्मा ने एक- एक व्यक्ति के लिए विकास पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन नक्सली विरोध कर रहे हैं. आज बैठक है पहले सिलगेर में फिर टेकलगुड़ेम जाने की योजना है. थोड़ी सुरक्षात्मक अनुमति होने पर, वहां जाने का मसला यह है कि जो विकास के कैंप बस्तर में जो दूर- दूर खुल रहे हैं, इन कैंपों का विरोध किया जा रहा है. इन कैंपों के साथ सभी को प्रधानमंत्री आवास,आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन, महतारी सदन, यात्री प्रतीक्षालय, लाइट की व्यवस्था,500 यूनिट बिजली फ्री, पानी हैंडपंप की व्यवस्था, घरेलू सिंचाई के कनेक्शन , जैसे विकास के सारी व्यवस्थाएं इन गांवों में व्यवस्था कराई जा रही है.फिर भी इसका विरोध किया जा रहा है.
सिलगेर में कांग्रेस सरकार से चल रहा है आंदोलन
बता दें कि 30 जनवरी को बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम में नक्सली हमला हुआ इसमें 3 जवानों की शहीद हुए. उन जवानों के परिवारों को मुख्यमंत्री ने 10- 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा किया है. वहीं सिलगेर में कांग्रेस सरकार के समय से ही आदिवासियों का आंदोलन चल रहा है. आदिवासी पुलिस के नए कैंप का विरोध कर रही है.