Chhattisgarh News: आम आदमी को मुफ़्त इलाज देने के लिए सरकार ने आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत देश के नागरिकों को लगभग 1800 से ज्यादा बीमारियों के इलाज की मुफ्त सुविधा दी जाती है. अस्पतालों में होने वाले आयुष्मान योजना के तहत इलाजों का भुगतान सरकार करती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों के इलाज का 700 करोड़ रूपए का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके कारण छोटे प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना से इलाज करने में कतराने लगे हैं.
दरअसल छत्तीसगढ़ में छोटे, बड़े प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में दो योजना खूबचंद बघेल और आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है. लंबे समय से भुगतान न होने के कारण छोटे अस्पतालों के सामने अब अस्पताल संचालन करने की समस्या खड़ी हो गई है.
कब से बंद है भुगतान?
विधानसभा चुनाव की वजह से अफसरों ने अगस्त माह तक का भुगतान किया था, जिसके बाद आचार संहिता और चुनावी कार्य के चलते भुगतान रोक दिया गया था. नई सरकार बनने के 1 महीने बाद भी बकाया राशी के भुगतान की फाइलें दौड़ नहीं पाई हैं. इसके बावजूद निजी अस्पताल दिसंबर तक सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त में दे रहे थे. लेकिन अब जनवरी के महीने में भी भुगतान न होने से अस्पताल प्रबंधन इलाज से पीछे हटने लगे हैं. बता दें कि राज्य में 1500 से ज्यादा अस्पताल आयुष्मान योजना के माध्यम से लोगों को मुफ़्त इलाज़ की सुविधा देते हैं.
IMA ने स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाक़ात
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के छत्तीसगढ़ चैप्टर ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात कर भुगतान न होने से अस्पतालों को होने वाली समस्याओं से अवगत कराया है. IMA अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि छोटे अस्पतालों में इलाज का भुगतान न होने पर प्रबंधन के सामने अस्पताल संचालन की समस्या खड़ी हो गई है. साथ ही मेडिकल खर्च, बिजली बिल, लोन, डॉक्टर का वेतन जैसी समस्या भी उत्पन्न हो गई है. आगामी समय में विधानसभा का सत्र है, इसलिए भुगतान में और देरी न हो इस लिए हमने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर इस संबंध में बात की है. उन्होंने आगे बताया कि मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री से भुगतान शुरू करने का आग्रह किया है. मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि जल्द ही अस्पतालों को बकाया राशी का भुगतान किया जाएगा.