Chhattisgarh News: अंबिकापुर के मेडिकल कालेज में शार्ट सर्किट हुआ. इससे मरीजों के एक वार्ड में धुआं भर गया. इसके बाद मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया. लेकिन जब घटना की जानकारी पर कांग्रेसी नेता पहुंचे तो महापौर डॉ अजय तिर्की ने आरोप लगाया कि नर्स ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुरुष शल्य वार्ड में आगजनी की घटना की जानकारी के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी के दल ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक किया है.
बुधवार सुबह साढे ग्यारह बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुरुष शल्य वार्ड के बाहर के गैलरी में शॉर्ट सर्किट के कारण धमाके से आग लग गई. यहां पर पुरुष शल्य वार्ड के तीन हॉल में करीब 40 मरीज थे. इस घटना के बाद इन हॉल में धुआं भर गया. हालांकि इस घटना में किसी व्यक्ति को कोई शारीरिक क्षति नहीं हुई थी.
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अंबिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की और जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में वहां पहुंचे कांग्रेस के दल ने मरीजों और अस्पताल स्टाफ से बात की. इसमें यह जानकारी मिली कि वायरिंग में सुबह से ही जलने की बदबू आ रही थी, जिसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई थी, इसके बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई और 11ः30 बजे शार्ट-सर्किट की घटना हो गई.
यह जानकारी मिली कि 1 सप्ताह के दौरान अस्पताल में शार्ट-सर्किट की यह तीसरी घटना थी. जांच के दौरान कांग्रेस के दल को एमसीएच भवन के मरीजों ने स्टॉफ और डाक्टरों के द्वारा बदसलूकी की शिकायत की गई. अस्पताल में पेयजल, दवा वितरण, मरीजों के परीक्षण में विलंब आदि की शिकायत प्राप्त हुई. जांच के दौरान जांच दल ने एक महिला सफाई कर्मचारी को सडक दुर्घटना के दो मरीजों का कैनुला निकालते हुए पाया, जबकि इस दौरान अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ वहां पर मौजूद था.
अस्पताल प्रबंधन ने शिकायत दूर करने का दिया आश्वासन
अस्पताल के निरीक्षण के उपरांत कांग्रेस दल ने अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक की. इस बैठक में अस्पताल की ओर से मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ रामनरेश मूर्ती एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ आर्या मौजूद थे. उन्हें घटनाओं की जानकारी देते हुए अंबिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की ने अस्पताल में फायर और इलेक्ट्रिक ऑडिट के विषय में पूछा. डॉ अजय तिर्की ने एमसीएच वार्ड के चिकित्सकों एवं स्टाफ के द्वारा बदसलूकी का मुद्दा उठाया. जांच के दौरान अपने स्वयं के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने यह शिकायत की.
महापौर ने दुर्व्यवहार का लगाया आरोप
महापौर ने बताया कि जांच के दौरान पुरुष शल्य वार्ड के नर्सो ने उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया, जबकि वे इस अस्पताल में लंबे समय तक कार्यरत रहे थे. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से यह जानकारी चाही कि टीएस सिंहदेव के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए फायर फाईटिंग और विद्युत केबलिंग के लिए 50-50 लाख रुपये एवं मुख्य अस्पताल भवन एवं एमसीएच भवन के मध्य ओव्हरब्रिज के लिए 1 करोड से अधिक की राशि का उपयोग अभी तक क्यों नहीं हुआ है.
इसका जवाब देते हुए अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि सिंहदेव के कार्यकाल से संबंधित सभी फंड अस्पताल को प्राप्त हो चुके हैं, और विद्युत विभाग सहित सभी संबंधित विभागों में विद्युत और फायर ऑडिटिंग के लिये कई बार पत्राचार किया जा चुका है, किंतु उनकी ओर से कार्यवाही नहीं होने से यह काम लंबित पड़ा हुआ है.
“अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता हुई बदतर”
अस्पताल प्रबंधन ने स्टाफ की बदसलूकी की शिकायत पर आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही स्टाफ के व्यवहार को सुधारने के लिये विहैबियर क्लॉस प्रारंभ करेंगे. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि बदसलूकी की शिकायतों पर जांच कर कारवाई की जायेगी. यह ध्यान रखा जायेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो. जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष यह तथ्य रखा कि पिछे 6 माह में अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता बदतर हुई है.
सफाई और सुरक्षा स्टाफ के टेंडर के बावजूद इसे अटका कर रखा गया है, जिससे अस्पताल में सफाई के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है. आए दिन अस्पताल परिसर से वाहनों के चोरी की घटनाएं हो रही है. अस्पताल में पेयजल, अग्नि सुरक्षा, सफाई आदि को लेकर भी उन्होंने अपनी शिकायतें अस्पताल प्रबंधन के समक्ष रखी. अस्पताल प्रबंधन ने व्यवस्थाओं को सुधारने एवं आगे शिकायत नहीं आने का आश्वासन कांग्रेस के दल को दिया है.