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Surguja: मां-बेटी की फांसी पर लटकी मिली लाश, परिजनों ने ससुरालियों पर लगाया बड़ा आरोप, जांच में जुटी पुलिस

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मृतिका मां और बेटी

Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लखनपुर थाना इलाके में 6 दिन पहले फांसी पर लटके हुए मां बेटी की लाश मिलने के मामले में अब परिजनों ने बड़ा आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या के बाद लाश को फांसी पर लटका दिया गया है. मृतिका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था और इसके साथ ही साथ जब मृतका ने शादी के बाद एक बेटी को जन्म दिया तो बेटी जन्म देने की वजह से भी उसे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था.

फांसी पर लटकी मिली मां-बेटी की लाश

लखनपुर थाना इलाके के कुन्नी गांव में 6 दिसंबर की सुबह मीना गुप्ता और उसकी 7 साल की बेटी की लाश स्कूल परिसर में एक पलास के पेड़ पर लटकी हुई मिली थी इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है लेकिन मीना गुप्ता के मायके वालों का कहना है कि शादी के बाद से उसे दहेज के लिए ससुराल वालों के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था ससुराल वाले दहेज में गाड़ी मांगते थे लेकिन इस बीच जब मीना गुप्ता ने एक बेटी को जन्म दिया तो वह इसके लिए भी उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. ससुराल वालों का कहना होता था की बेटी को जन्म दिया है तो वंश कैसे बढ़ेगा, इससे तंग आकर महिला अपने शिक्षक पति से अलग एक मकान में रहने लगी थी और पति-पत्नी के बीच हमेशा विवाद होता था। इतना ही नहीं मामला कुटुंब न्यायालय तक पहुंच गया था. जहां कोर्ट ने महिला को हर महीने 10 हजार रूपये भत्ता के रूप में देने का आदेश दिया था और इसकी वजह से ससुराल वालों ने हत्या कर उसे फांसी पर लटका दिया है.

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परिजनों ने लगाया दहेज प्रताड़ना और हत्या का आरोप

मृतिका के भाई प्रफुल्ल गुप्ता व बहन रीना गुप्ता क्या कहना है कि मीना गुप्ता की हत्या की गई है. उसने फांसी लगाकर आत्महत्या नहीं की है क्योंकि जिस रस्सी में फांसी लगा हुआ लाश मिला है वह रस्सी इतना पतला है कि उसमें दो लोग फांसी नहीं लगा सकते वहीं 7 साल की बच्ची पेड़ में चढ़कर फांसी कैसे लगाएगी परिजन इस पर भी सवाल उठा रहे हैं. वही जिस सुबह दोनों की लाश स्कूल परिसर में मिली उससे पहले स्कूल परिसर में मीना गुप्ता और उसके पति संजय गुप्ता के बीच खूब विवाद हुआ था. परिजन यह भी कह रहे हैं कि मीना गुप्ता के मोबाइल से बहुत सारा डाटा घटना के बाद डिलीट कर दिया गया है. परिजनों का मांग है कि मृतका के पति के मोबाइल का कॉल डिटेल का जांच किया जाना चाहिए.

महिला के मायके पक्ष के लोगों का यह भी करना है कि पुलिस के द्वारा मामले की सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है और आरोपी को बचाने की कोशिश की जा रही है हालांकि अभी तक मृतिका और उसकी बेटी के लाश का पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आया है। ASP अमोलक सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच की जाएगी.

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