Chhattisgarh News: भारत में आयुर्वेद प्राचिन काल से लोगों के जीवन का हिस्सा रहा है. सिर्फ मनुष्य ही नहीं जानवरों के इलाज में आयुर्वेद की भी भूमिका रही है. जैसे हमारे घर में मौजूद कई समाग्री आयुर्वेद से जुड़ी हुई है और जब कोई अनुभवी व्यक्ति उन सामग्रियों का सही उपयोग कर बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है. इसी आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने राज्य का पहला आयुर्वेदिक विश्विद्यालय खोलने की तैयारी में है.
‘हमारे घरों की रसोई अपने आप में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र है’
राज्य के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को रायपुर के नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में 2 दिवसीय आयुर्वेद एलुमनी मीट का शुभारंभ किया. इसके साथ उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, आयुर्वेद हमारे जीवन पद्धति का एक अंग है. हमारे घरों की रसोई अपने आप में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र है. एक जानकार व्यक्ति ही इनका सही प्रयोग करके बीमारियों का इलाज कर सकते है. इस मौके पर बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले आयुर्वेद विश्वविद्यालय खोलने की बात भी कही है.
राज्य का पहला आर्युवेदिक विश्विद्यालय खुलेगा
इस कार्यक्रम में ऐसे लोग भी मौजूद रहे जिन्होंने आर्युवेद को बढ़ावा देने के लिए जेल तक जा चुके हैं. साथ ही कार्यक्रम में पूर्व सांसद डॉ. भूषणलाल जांगड़े, राष्ट्रीय कवि डॉ सुरेंद्र दुबे, प्राचार्य डॉ जी आर चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक, आयुष डॉ सुनील कुमार दास के साथ आयोजन समिति के अध्यक्ष, डॉ पतंजलि दीवान, डॉ शिव नारायण द्विवेदी, डॉ हरेंद्र शुक्ला और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. आपको ये भी बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने का बाद अब तक एक भी आर्युवेदिक विश्विद्यालय नहीं हैं.