Vistaar NEWS

Chhattisgarh: मैनपाट में तिब्बती समुदाय के लोग मना रहे लोसर पर्व, 1962 से छत्तीसगढ़ में रहते हैं

chhattisgarh news

तिब्बती समुदाय के लोग

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का मैनपाट यानि ‘मिनी तिब्बत’, यहां तिब्बती समुदाय के लोग इन दिनों नया साल मना रहे हैं. तिब्बती कैलेंडर के अनुसार तिब्बती हर साल 10 फ़रवरी को नया साल मनाते हैं. तिब्बती अपने नए साल को लोसर पर्व बोलते हैं. तिब्बती समुदाय के लोग अपने नए साल के उत्सव को सप्ताह भर मनाते हैं. इस मौके पर मैनपाट के सात तिब्बती कैम्प में लोग नए साल के उत्सव को अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट कर रहे हैं. इन जगहों पर तिब्बति संस्कृति देखने को मिल रही है. यहां समुदाय के लोग मंदिरों में पूजा पाठ कर रहे हैं, साथ ही तिब्बती अपने नए साल को डांस, गाना और घरों में पार्टी आयोजित कर सेलिब्रेट कर रहे हैं.

वर्ष 1962 से मैनपाट में तिब्बती समुदाय के लोग

दरअसल मैनपाट में वर्ष 1962 से तिब्बती समुदाय के लोग रह रहे हैं. यहां सात कैम्प में करीब 1500 से अधिक तिब्बती समुदाय के लोग हैं. लोसर पर्व के अवसर पर देश के अलग अलग महानगरों में रहने वाले तिब्बती युवक-युवती अपने घरों में पहुंचे हुए हैं. वहीं उनके लोसर पर्व में बाहरी पर्यटक भी शामिल हो रहे हैं.

लोसर पर्व पर शांति और सौहार्द की कामना

बता दें कि तिब्बती समुदाय के लोसर पर्व पर एक सप्ताह तक अलग-अलग आयोजन किये जाते हैं. इसमें तिब्बती समुदाय के लोग सभी कैम्प में स्थित मंदिरो में पूजा पाठ करते हैं. इस मौके पर तिब्बती देश दुनिया में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे इसके लिए प्रार्थना करते हैं. साथ ही ये लोग इंसानों के अलावा सभी जीव जंतुओ के साथ प्रकृति की बेहतरी की कामना करते हैं. इतना ही नहीं सभी तिब्बती कैम्प को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है. इस साल तिब्बतियों ने अपने घरों और आस पास के इलाकों में झंडे लगाए हैं जिसमें  मैनपाट में शांति और खुशहाली हो इसके लिए मंत्र लिखे गए हैं.

Exit mobile version