Vidyasagar Maharaj: छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में जैन समाज के रत्न आचार्य विद्यासागर महाराज ने दिगंबर मुनि परंपरा के अनुसार समाधि ले ली है. आचार्य विद्यासागर ने 3 दिन पहले ही समाधि मरण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. आचार्य पूर्ण रूप से अन्न-जल का त्याग कर दिया था और अखंड मौन व्रत ले लिया था. समाधि लेने से तीन दिन पहले ही आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपने आचार्य पद का भी त्याग कर दिया था.
आचार्य विद्यासागर महाराज ने तीन दिन पहले अपना आचार्य पद पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर को सौंप दिया था. जानकारों के अनुसार आचार्य विद्यासागर महाराज करीब छह महीने से डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में रुके हुए थे. बीते साल चार नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी डोंगरगढ़ गए थे. तब उन्होंने वहां पर जैन मुनि विद्यासागर महाराज के दर्शन किए थे. आचार्य विद्यासागर महाराज ने रात करीब 2.30 बजे देह त्याग किया है.
रविवार को होगा अंतिम संस्कार
आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ पर अंतिम सांस ली है. अब उनका रविवार को दोपहर करीब एक बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा. आचार्य विद्यासागर महाराज के समाधी लेने पर सीएम विष्णु देव साय ने कहा, ‘विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ.’
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सीएम ने सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में लिखा, ‘छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा. आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.’
आचार्य ने जब समाधि ली तो उनके पास पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज, समतासागर जी महाराज, प्रसादसागर जी महाराज संघ समेत मौजूद थे. देशभर में जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों द्वारा उनके सम्मान में एक दिन प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है.