Vistaar Explainer: रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर 4 नवंबर को हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने मंगलवार को 4 और आरोपियों को धर दबोचा है. इनमें से दो आरोपी गोलीकांड से सीधे जुड़े है. पुलिस जब इन्हें पकड़कर थाने लेकर आई, इसमें सहयोगी भी हैं, जो आरोपियों को ओडिशा भागने में मदद कर रहे थे. इस मामले में रायपुर पुलिस की 10 टीम करीब 32 घंटे के भीतर अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है इनमें वे मुख्य आरोपी भी है, जिसने फायरिंग की थी. लेकिन इस गोली कांड के पीछे की इनसाईड स्टोरी क्या है? वो विस्तार से बताते है.
गोलीकांड में अब तक ये आरोपी हुए गिरफ्तार
- गोली चलाने वाला शाहनवाज उर्फ शानू महाराज (25) निवासी मौदहापारा रायपुर- (पहले दिन गिरफ्तार )
- शाहरुख (19) निवासी मौदहापारा रायपुर- (पहले दिन गिरफ्तार)
- अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया (47)- (दूसरे दिन गिरफ्तार)
- हीरा छुरा (24)- (दूसरे दिन गिरफ्तार)
- अब्दुल शेख और हीरा छुरा की ओडिशा भागने में मदद करने वाले नरेन्द्र जगत उर्फ सुदामा और रवि जाल भी गिरफ्तार। (दूसरे दिन गिरफ्तार)
यानी कुल मिलाकर इस मामले में 6 लोग गिरफ़्तार हुए हैं और सभी को सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. हैरानी की बात तो ये है की राजधानी रायपुर मे जो गोली कांड का एक प्रमुख आरोपी शाहरुख़ है वो माना बाल सुधार गृह से जून से फरार है और 4 महीने से अधिक संमय से फरार आरोपी राजधानी मे खुला घूम रहा था और इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया.
गोलीकांड के पीछे गैंगवार, जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी…..
छत्तीसगढ़ बनने से पहले से जो गैंग चल रहा है ऐसा भी गैंग है, जो शांति के टापू छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को दहलाने के लिए कई गैंग्स सक्रिय हो रहे हैं. इनमें कुछ प्रमुख गैंग है जिनके नाम हम आपको बताएंगे.
छत्तीसगढ़ के प्रमुख गैंग
1. गफ्फार गैंग
गफ्फार गैंग छत्तीसगढ़ बनने से पहले का गैंग है. इसका मुखइया अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया है जिसका सीधा हाथ रायपुर सेंट्रल जेल की गोलीबारी में है. यह गैंग इसके छोटे भाई छोटा अन्नू ने खोला था. छोटा अन्नू के मर्डर के बाद गफ्फार इस गैंग को संभालता है. मौदहापार में इसका बेस है और पूरे राजधानी में पैर पसारकर काले काम करना इस गैंग का मंसूबा है.
2. साहिल गैंग
रायपुर का उभरता गैंग
मुखिया- साहिल
गैंग में मेंबर- 8 से 10
मक्सद और कारनामें- उगाही, चोरी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा समेत अन्य काले कारनामें
साहिल गैंग के मुखिया साहिल को ही गोली मारी गई है, जो कि गफ्फार गैंग को टक्कर देने की फिराक में है. वहीं जेल में गफ्फार गैंग के शेख शाहिल को इसी साहिल ने मारने की कोशिश भी की थी ये भी हिस्ट्रीशीटर है.
3. संजय रक्सेले गैंग
रायपुर के मौदहापारा में सक्रिय
गैंग मेंबर- इस गैंग में नाबालिगों को शामिल किया गया है
गैंग में मेंबर- 10 से 15
मक्सद और कारनामें- उगाही, चोरी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा समेत अन्य काले कारनामें
संजय रक्सेले गैंग के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं. ये गैंग नाबालिगों को भर्ती करके अपराध की दुनिया में धकेलता है ताकि उन्हें जल्दी छुड़ाया जा सके. इस गैंग का मक्सद भी अपने पैर फैलाना है.
4. राजातालाब ईरानी गैंग
ईरान से आए लोगों का गैंग
मेन लोकेशन- BSUP कॉलोनी
गैंग मेंबर- 10 से 15
मक्सद और कारनामें- चाकूबाजी और सूखे नशे के व्यापार में महारथ
ईरान के प्रवाशियों का ये गैंग भी राजधानी को दहलाने की फिराक में है. ये लोग सूखे नशे को फैलाने में लगे हुए हैं.
5. आसिफ गैंग
सेजबहार में मेन अड्डा
मक्सद और कारनामें- उगाही, चोरी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा समेत अन्य काले कारनामें
गैंग मेंबर- 8 से 10
सेजबहार का आसिफ गैंग भी सक्रिय है और सूखे नशे के व्यापार मारपीट और बलवे से राजधानी को दहलाने के लिए कोशिश में है. लेकिन ऐसा नहीं है कि पुलिस भी इसकी काली करतूतों को देख नहीं रही. रायपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने इनको काबू में करने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं.
इसे रोकने रायपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने किए ये काम
300 चाकूबाजों का डोजियर यानी काली कुंडली बनवाया गया है, तमाम चाकूबाजों की मासिक क्राइम ब्रांच में पेशी कराई जाती है. इन 300 चाकूबाजों में 20 से अधिक को जेल भेजा गया है
सक्रिय चाकूबाजों को आर्मसएक्ट के तहत जेल भेजा गया है. वहीं निजात अभियान के तहतत 150 नशेबाजों का भी डोजियर यानी काली कुंडली बनाई गई है, तो ये थी राजधानी को डराने वाले गैंग्स की गाथा. उम्मीद है इनका समूल नाश करके राजधानी पुलिस ऐसा माहौल बनाएगी कि शांति के टापू से अपराध खत्म होगा.