IPS Manoj Sharma: 27 अक्टूबर 2023 सिनेमाघरों में रिलीज हुई ’12 फेल’ आज हर युवा पीढ़ी की कहानी बनी हुई है. कैसे एक लड़का जो कभी चिटिंग कर पास हुआ करता था, एक दिन IPS बनकर इतिहास रच देता है. आईपीएस मनोज शर्मा के संघर्ष की कहानी ने हम सबको रुलाया है. इसलिए उनके जीवन की कहानी को हर कोई जानना चाहता है.
फिल्म में आईपीएस अफसर बनने के संघर्ष को दिखाया गया
इस फिल्म की कहानी चंबल में रहने वाले मनोज से शुरू होती है, जो गांव के सामान्य लड़कों की तरह अपनी जिंदगी बिता रहा है. मनोज के पिता बहुत ईमानदार हैं, लेकिन वे निलंबित हैं और परिवार गरीबी से जूझ रहा है. इस छोटे से गांव के लड़के मनोज का एक ही ख्वाब है कि वह 12वीं पास करे और अपने परिवार को सुख-शांति से जीने का सपना पूरा करे. इस बीच, मनोज की मुलाकात एक पीसीएस अधिकारी से होती है जो उसे चीटिंग करते पकड़ लेते हैं. उस पीसीएस अधिकारी की ईमानदारी मनोज पर गहरा प्रभाव डालती है, जिससे उसकी जिंदगी की दिशा बदल जाती है. यह उसके लिए पहली बार होता है जब किसी ने चीटिंग को नकारात्मक रूप से देखा और उसने इस पर गौर किया है.
एमपी पीएससी बंद होने पर यूपीएससी की तैयारी में जुटे
हालांकि, मनोज 12वीं की परीक्षा में फेल हो जाता है. लेकिन उसके परिश्रम और आत्मविश्वास ने उसे दूसरी बार में थर्ड डिवीजन से 12वीं पास करने का साहस दिया और वह PCS की तैयारी के लिए ग्वालियर आ जाता है. PCS की भर्ती बंद होने पर मनोज IPS बनने का निश्चय करता है और दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देता है. क्या मनोज अपने IPS बनने के ख्वाब को पूरा कर पाएगा या जीवन के मुश्किलों का सामना करके हार जाएगा, यह फिल्म इसी प्रश्न का उत्तर देती है.
गरियाबंद जिले में मनोज शर्मा के पापा कर चुके हैं काम
क्या आपको पता है कि जिस IPS मनोज शर्मा की आज पूरे देश में चर्चा हो रही है, उनका बचपन छत्तीसगढ़ में बीता है. फिल्म को इतना प्यार मिलने के बाद IPS मनोज शर्मा ने गरियाबंद छत्तीसगढ़ में अपने पुराने दोस्तों से मिलने और स्कूल की यादें ताज़ा करने के लिए वहां जाने का निर्णय लिया. राजेश पांडे से बातचीत करने पर पता चला कि मनोज शर्मा और उनका परिवार छत्तीसगढ़ विभाजन से पहले गरियाबंद में रहता था. इसके बाद वे लोग जांजगीर चांपा चले गए. छत्तीसगढ़ के मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद वे सभी मध्यप्रदेश में ही रह गए थे.