Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए महतारियों को रात दो बजे से बैंक के बाहर लाइन लगानी पड़ रही है. ठंड में महिलाएं अपने बच्चों को गोद में लेकर लाइन में लगने को मजबूर हैं. यह हाल बिलासपुर के साथ-साथ आदिवासी बाहुल गौरेला पेंड्रा मरवाही में देखने को मिल रहा है. बिलासपुर में काठा कोनी और अन्य जगहों पर ये नज़ारा आम हो गया है. महतारी वंदन का फार्म भरने के बाद आधार से खाता लिंक करवाने और KYC करवाने के लिये महिलाएं रात को दो बजे से कतार में लगकर बैंक खुलने का इंतजार कर रही हैं.
देर रात से ही बैंकों में पहुंच रही महिलाओं की भीड़
दरअसल बैंक प्रबंधन के द्वारा एक सीमित संख्या में ही लोगों के केवाईसी किये जा रहे हैं, जिसके लिये बैंक द्वारा ‘पहले आओ पहले पाओ’ की तर्ज पर टोकन दिया जा रहा है. इसी टोकन के आधार पर बैंक के कार्यालयी समय में केवाईसी किया जा रहा है. टोकन को पाने के लिये महिलाएं देर रात से ही बैंकों में पहुंच रही हैं. जिन महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चे हैं वो अपने बच्चों के साथ बैंक पहुंच रही हैं. हालात ऐसे हैं कि महिलाओं को पूरी रात ठंड मे ठिठुरते हुए बैंक के बाहर सड़क पर ही रात गुजारनी पड़ रही है.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: साधराम हत्याकांड के आरोपियों के परिजनों का बड़ा दावा- बेकसूरों को फंसाया जा रहा, कराया जाए नार्को टेस्ट
सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
बता दें कि पुरूष भी अपनी महिलाओं के साथ आकर रात गुजार रहे हैं, ताकि उनके घरों की महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल सके. वहीं बैंकों में इतनी संख्या में महिलाओं की भीड़ के बावजूद भी पुलिस और बैंक प्रबंधन के द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं. वहीं प्रशासन भी इस गंभीर समस्या के समुचित निराकरण के लिये कोई पहल नहीं कर रहा है. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ की महतारियों को वंदन पाने के लिये बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.