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डेथ चैंबर बन गया है आशा किरण शेल्टर होम! एक महीने में ही 13 बच्चों की मौत, जानें क्या है वजह

Asha Kiran Home

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Asha Kiran Home: नई दिल्ली में मंदबुद्धि बच्चों के लिए कई शेल्टर होम बनाए गए हैं. आशा किरण शेल्टर होम में बच्चों और विकलांग लोगों को रखा जाता है, लेकिन अब यह मौत का चैंबर बन गया है. हाल के दिनों में आशा किरण होम में रहने वाले कई बच्चों की मौत हो गई है. आशा किरण होम में काम कर रही एक महिला ने एक टीवी चैनल से कहा कि अंदर के हालात बहुत ही खराब हैं. 20-25 बच्चों को टीवी की बीमारी है. अंदर महज 500 लोगों के रहने की जगह है, लेकिन एक होम में करीब 950 बच्चे रह रहे हैं.

पहले जैसी सुविधा भी नहीं मिलती

सूत्रों के मुताबिक, बच्चों को पहले जो सुविधाएं मिलती थीं अब वो भी नहीं मिलते. दावा किया जा रहा है कि 4 साल पहले तक बच्चों को दूध अंडे सब मिलते थे, लेकिन अब बच्चों को प्रोपर डाइट नहीं दिया जा रहा है. हाल ही में दो बच्चों को बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी शेल्टर होम पहुंची हैं. सूत्रों के मुताबिक, शेल्टर होम के अंदर महामारी की स्थिति नहीं है. एक हफ्ते पहले रिपोर्ट की गई थी कि शेल्टर होम में क्षमता से अधिक बच्चों को रखा गया है.

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7 महीने में 27 लोगों की मौत

हालांकि, आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 7 महीने में 27 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पिछले महीने जुलाई में भी 13 लोग काल के गाल में समा गए. आशा किरण में मौत के मामले में दिल्ली सरकार भी अब सतर्क हो गई है. मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. एक रिपोर्ट में महीने दर महीने हुई मौतों के बारे में जिक्र किया गया है. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जुलाई में महज 20 दिनों में 13 लोगों की मौत हो गई है.

मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के बाद की जाएगी कार्रवाई: आतिशी

जब आतिशी से पूछा गया कि आशा किरण में होने वाली मौत के बारे में दिल्ली सरकार को जानकारी नहीं है? इस पर आतिशी ने कहा कि गंभीर रूप से विकलांग लोगों को सीरियस फिजिकल मॉर्डिबटी जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. आखिर किस वजह से मौत हुई है, इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. मजिस्ट्रेट रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि रोहिणी के आशा किरण शेल्टर में मंदबुद्धि बच्चों और बड़ों को रखा जाता है. दावा किया जाता है कि यहां उनलोगों की अच्छे तरीके से देखभाल होती है. लेकिन पिछले कुछ महीनों में होने वाली मौतों ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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