RML Hospital: CBI ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में रिश्वतखोरी रैकेट का खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और कई अन्य कर्मचारी मरीजों और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत वसूल रहे थे. ऊपर बताए गए लोगों ने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को अस्पताल सहित लगभग 15 स्थानों पर तलाशी लेने के बाद डॉक्टरों, आरएमएल के क्लर्कों और निजी बिचौलियों और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मंगलवार को दायर अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) में CBI ने आरएमएल के कार्डियोलॉजी विभाग के एक प्रोफेसर और एक सहायक प्रोफेसर, एक वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी, एक नर्स, दो क्लर्क, कई निजी चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता कंपनियों और अज्ञात सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है.
अस्पताल में रिश्वतखोरी का यह दूसरा मामला
दिल्ली के किसी शीर्ष सरकारी अस्पताल में उजागर हुआ यह दूसरा रिश्वतखोरी घोटाला है. इससे पहले, पिछले साल मार्च में सीबीआई ने मरीजों को एक विशेष प्रतिष्ठान से अत्यधिक कीमतों पर सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए मजबूर करने के आरोप में सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष रावत को उनके चार सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था.
आरएमएल रिश्वत मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को नामित किया है उनमें डॉ. पर्वतगौड़ा (सहायक प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग), डॉ. अजय राज (कार्डियोलॉजी में प्रोफेसर), रजनीश कुमार (वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी, आरएमएल में कैथ लैब), शालू शमा (नर्स) भुवाल जयसवाल और संजय कुमार गुप्ता (दोनों क्लर्क) शामिल हैं. सभी पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का आरोप लगाया गया है.
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मरीजों से रिश्वत लेने का आरोप
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक विश्वसनीय स्रोत के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के कई डॉक्टर और कर्मचारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहे हैं और आपूर्ति करने वाली कंपनियों के चिकित्सा व आपूर्तिकर्ता प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों से रिश्वत इकट्ठा कर रहे हैं.