Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में ओखला विधानसभा सीट पर मुकाबला अब बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है. खासकर जब से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंकी है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा-खासा प्रभाव है, और अब तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के मुस्लिम चेहरों के बीच की टक्कर ने मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है.
मुस्लिम बहुल है ओखला सीट
ओखला विधानसभा क्षेत्र दक्षिणी दिल्ली का एक प्रमुख हिस्सा है, जहां करीब 53% मुस्लिम मतदाता हैं. यहां का चुनावी समीकरण इस बार बिल्कुल अलग है, क्योंकि इस बार तीन मुख्य दलों—आम आदमी पार्टी , कांग्रेस और AIMIM के पास मुस्लिम उम्मीदवार हैं. पहले से ही आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान इस सीट पर कड़ी चुनौती दे रहे थे, लेकिन अब AIMIM ने अपनी एंट्री से मुकाबले को एक नई दिशा दी है.
AIMIM की एंट्री और नई चुनौतियां
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने दिल्ली दंगे में आरोपित शिफाउर्रहमान खान को ओखला से अपना प्रत्याशी बनाया है. शिफाउर्रहमान की उम्मीदवारी ने मुस्लिम वोटों में बिखराव की संभावना पैदा कर दी है. अब, इस सीट पर तीन मजबूत मुस्लिम चेहरे—आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान, कांग्रेस की अरीबा खान और AIMIM के शिफाउर्रहमान हैं. हर पार्टी अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
AAP और AIMIM के बीच जुबानी जंग
जहां एक तरफ ओखला में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता ने उग्र रूप धारण किया है, वहीं दूसरी तरफ जुबानी जंग भी तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान ने असदुद्दीन ओवैसी पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ओवैसी जैसे नेता मुस्लिम वोटों को विभाजित करके भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. अमानतुल्लाह ने एक वीडियो शेयर कर यह सवाल उठाया कि क्या ओवैसी ने कभी दिल्ली दंगों के दौरान मुस्लिमों की मदद की थी, या वे भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं?
वहीं, एआईएमआईएम ने पलटवार करते हुए अमानतुल्लाह खान की आलोचना की. तेलंगाना के नामपल्ली से AIMIM विधायक माजिद हुसैन ने अमानतुल्लाह खान को हिंदी फिल्म के विलेन शक्ति कपूर से जोड़ते कहा कि अमानतुल्लाह खान ने हमेशा मुस्लिम समाज के मुद्दों से मुंह मोड़ा और अब ओवैसी पर आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.
मुस्लिम वोटों के बिखराव से बीजेपी को फायदा
चुनावी रणनीति के लिहाज से ओखला में मुस्लिम वोटों का बिखराव भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है. भाजपा ने इस सीट पर मनीष चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जिनकी मुस्लिम समुदाय में भी अच्छी पैठ है. मनीष चौधरी ने पिछले कुछ सालों में मुस्लिम समाज के बीच अपनी एक सकारात्मक छवि बनाई है, और अब भाजपा इस लाभ का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
जब तीन मुस्लिम चेहरे चुनावी मैदान में होंगे, तो मुस्लिम वोटों में विभाजन होने की संभावना है, और यह सीधे तौर पर भाजपा के पक्ष में जा सकता है. भाजपा इस अवसर को अपनी जीत के रूप में देख रही है, क्योंकि जब वोट बंट जाते हैं, तो यह अन्य पार्टियों के बजाय भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है.
अखिरी स्थिति और रणनीतियां
अब ओखला में भाजपा के लिए मौका है, लेकिन उसके लिए यह भी चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि आम आदमी पार्टी और AIMIM दोनों ही एक-दूसरे को टक्कर देने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. ओखला में हुए पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान ने जबरदस्त जीत हासिल की थी, और इस बार भाजपा को उनका रिकॉर्ड तोड़ने के लिए नई रणनीतियां तैयार करनी होंगी.
इस चुनावी जंग में जो बात सबसे अहम है, वो यह कि मुस्लिम वोटों का विभाजन भाजपा के लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है, क्योंकि अगर आम आदमी पार्टी और AIMIM के बीच वोट बंटते हैं, तो भाजपा को बिना ज्यादा मेहनत किए फायदा हो सकता है.
ये कहा जा सकता है कि ओखला विधानसभा क्षेत्र का चुनावी मुकाबला अब एक जटिल और रणनीतिक युद्ध में बदल चुका है. यहां के वोटर अब सिर्फ अपने पारंपरिक वोट बैंक को नहीं देख रहे, बल्कि हर उम्मीदवार के लिए अपने फायदे-नुकसान का आकलन भी कर रहे हैं.