Chief Justice Oath Ceremony: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के बीच मतभेद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताज़ा विवाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के शपथ समारोह को लेकर उभरकर सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, इस समारोह में मुख्यमंत्री आतिशी को तो आमंत्रण भेजा गया, लेकिन कैबिनेट मंत्रियों को निमंत्रण नहीं दिया गया, जिससे एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने विरोध दर्ज किया है.
कैबिनेट मंत्रियों को न्योता नहीं
परंपरा के तहत अब तक हर बार दिल्ली सरकार के सभी कैबिनेट मंत्रियों को ऐसे आयोजनों में बुलाया जाता रहा है. हालांकि, इस बार कैबिनेट मंत्रियों को नजरअंदाज किए जाने को लेकर AAP सरकार ने इसे एक और असंवैधानिक कदम बताया है और उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रकट किया है.
पुराने विवादों का सिलसिला जारी
यह पहली बार नहीं है जब AAP सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनाव की स्थिति पैदा हुई हो. इससे पहले, दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के चुनाव को लेकर भी उपराज्यपाल और AAP सरकार के बीच विवाद हुआ था. फरवरी 2023 में दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय द्वारा नगर निगम की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बावजूद, उपराज्यपाल ने उसी रात चुनाव कराने का आदेश दे दिया था.
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तिरंगा फहराने को लेकर भी हुआ था विवाद
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी तिरंगा फहराने को लेकर AAP सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार देखने को मिली थी. उस समय भी उपराज्यपाल और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच तनाव चरम पर था, जब जेल में बंद केजरीवाल के स्थान पर तिरंगा फहराने का मुद्दा उठा.
पिछले साल से बढ़ा है विवाद
2022 में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के पदभार संभालने के बाद से AAP सरकार लगातार उन पर दिल्ली सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप का आरोप लगाती रही है. अरविंद केजरीवाल ने खुद इस बात का दावा किया था कि उपराज्यपाल ने उनकी सरकार को दरकिनार करते हुए लगभग हर मामले में सीधे मुख्य सचिव को आदेश दिए. यह मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.
आबकारी नीति विवाद से लेकर नेताओं की गिरफ्तारी तक
AAP सरकार और उपराज्यपाल के बीच सबसे बड़ा विवाद दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 को लेकर हुआ था, जब उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और खुद केजरीवाल सहित कई आप नेताओं को जेल जाना पड़ा था.
हालांकि मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल फिलहाल जमानत पर हैं, लेकिन इस बीच केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अब आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी हैं. बावजूद इसके, उपराज्यपाल और AAP सरकार के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा.